राजस्थान राज्य एक ऐसा क्षेत्र है, जहां के किसानों को सूखे पड़ने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है. इस राज्य में अधिक बारिश ना होने की वजह से किसानों को पानी की बहुत समस्या रहती है. उन्हें खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है, साथ ही उन्हें बारिश का लम्बे समय तक इंतजार करना पड़ता है.
यह समस्या किसानों को लम्बे समय तक झेलनी पड़ती है. ऐसे में किसानों को इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए सराकर भी कई सरकारी योजनाओं का संचालन कर किसानों की मदद करती है.
वहीँ आपको बता दें कि बीते कुछ सालों पहले राजस्थान में लम्बे समय तक सूखा पड़ने की स्थिति को नजर रखते हुए कृषि मंत्रालय (Ministry Of Agriculture ) द्वारा साल 2016 में सूखा मैन्युअल-2016 तैयार किया गया था. जिसके तहत राज्य में सूखा की स्थिति में सुधार लाया जा सके एवं किसानों को लाभ मिल सके.
हाल ही में नीरज डांगी ने किसानों के हित के लिए संसद में भारत सरकार से मांग की. उन्होंने कृषि मंत्रालय द्वारस तैयार किया गया सूखा मैन्युअल-2016 (Drought Manual-2016) के संशोधन की मांग की है.
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इनपुट सब्सिडी को लेकर भी की थी मांग (Demand Was Also Made Regarding Input Subsidy)
इसके अलावा डांगी ने किसानों के हित के लिए संसद में सब्सिडी को लेकर मुद्दा उठाया था. उन्होंने कई राज्यों में कृषि इनपुट सब्सिडी (Subsidy) की अधिकतम सीमा 2 हेक्टेयर से बढ़ा कर 5 हेक्टेयर तक किए जाने की मांग की थी. डांगी ने सदन में कहा था कि राजस्थान का एक बड़ा हिस्सा रेगिस्तानी है. सूखा यहां के किसानों की सबसे बड़ी समस्या है. यहां की जमीन में नमी की कमी होने के कारण फसलों की उत्पादकता (Crops Productivity) बहुत ही कम होती है, इसलिए केंद्र सरकार कृषि इनपुट सब्सिडी के लिए अधिकतम जमीन की सीमा में 2 से वृद्धि करके 5 हेक्टेयर कर दे तो काफी किसानों को राहत मिल जाएगी. राजस्थान में मुख्य तौर पर कम पानी वाली फसलें जैसे सरसों, बाजरा एवं मूंगफली आदि की पैदावार होती है.