मौसम अनुकूल खेती के लिए बिहार में किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा. किसानों को गांवों में ही कृषि विभाग के वैज्ञानिक 'खेत पाठशाला' के कार्यक्रम के तहत खेती की नई तकनीक की थ्योरी पढ़ाने के साथ प्रैक्टिकल करके भी दिखाएंगे. दरअसल, किसानों को ख़राब मौसम के कारण बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. कई बार तो उनकी फसल पूरी तरह से चौपट हो जाती है जिसके कारण लागत भी नहीं निकल पाती है. यही वजह हैं कि कृषि विभाग को निर्देश हैं कि किसानों को गांव-गांव जाकर मौसम अनुकूल खेती की ट्रेनिंग दी जाए.
मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
राज्य में असमय और अनियमित बारिश के कारण कई बार बाढ़ की नौबत आ जाती है तो कभी सूखे की स्थिति बन जाती है. जिसके कारण आपदा के समय राज्य सरकार को हर साल किसानों को मुआवजे के रूप में अरबों रुपये खर्च करना पड़ते हैं. यही वजह हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि विभागों के अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि किसानों को मौसम अनुकूल खेती के लिए न सिर्फ बताया जाए बल्कि उन्हें प्रैक्टिकल करके भी बताये जिससे किसानों को खेती करने में आसानी हो.
पूसा के फार्म भी देखेंगे किसान
कृषि सचिव डॉ. एन सरवण कुमार का कहना हैं कि एक मिशन के तहत किसानों को अब गांव-गांव जाकर मौसम अनुकूल खेती की पूरी तकनीक से अवगत कराया जाएगा. इसके लिए गांवों में 'खेत पाठशाला आयोजित की जाएगी. इसके अलावा किसानों को पूसा के फार्म की विजिट कराई जाएगी ताकि उन्हें प्रैक्टिकल रूप से समझने में मदद मिल सकें.
गेहूं उत्पादन में हुई वृद्धि
राज्य में इस मिशन के तहत किसानों ने गेहूं की खेती की है जिसके कारण उत्पादन में अच्छी खासी वृद्धि हुई है. 8 जिलों के पांच-पांच गांव इसके लिए चयनित किए गए थे. इन गांवों में 623 एकड़ खेती पर वैज्ञानिकों की देखरेख में मौसम के अनुकूल खेती की. इस योजना के तहत अब 38 जिलों में मौसम अनुकूल खेती शुरू की गई.