भारत के किसानों और अर्थव्यवस्था (Economy) को झटका लगने वाली खबर सामने आ रही है. जहां एक तरफ गेहूं उत्पादन (Wheat Production) में कमी देखी गयी है वहीं दूसरी तरफ इसके निर्यात पर प्रतिबंध (Wheat Export Ban in India) लगा दिया गया है. दरअसल, रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine Battle) की लड़ाई के कारण गेहूं के निर्यात पर बैन लगाया गया है.
गेहूं के निर्यात पर लगा बैन (Ban on export of wheat in India)
यूक्रेन पर रूसी हमले के कारण तेल और गैस (Oil and Gas) की आपूर्ति के साथ-साथ गेहूं की आपूर्ति में भी दिक्कत आ रही है. यह भारत सरकार के लिए एफसीआई (FCI) के गोदामों में सड़ रहे गेहूं के ढेर को निपटाने का मौका है. लेकिन एक जोखिम यह भी है कि ऐसा करने में सरकार इस अवसर का दुरुपयोग गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी करेगी.
कौन है दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं निर्यातक (Who is the world's largest exporter of wheat)
हाल के वर्षों में, दुनिया का लगभग 25% गेहूं का निर्यात रूस और यूक्रेन से हुआ है. रूस दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं उगाने वाला देश और सबसे बड़ा निर्यातक है, जिसके वैश्विक गेहूं निर्यात का लगभग 18% हिस्सा है.
क्यों लग रहा है गेहूं के निर्यात पर बैन (Why is there a ban on the export of wheat)
वहीं यूएसएसआर (USSR) में रूस में ज्यादा गेहूं नहीं उगाया गया था, लेकिन सोवियत संघ (Soviet Union) के पतन के बाद रूसी किसान स्वतंत्र रूप से निर्यात करने और अपनी जरूरत की किसी भी तकनीक का आयात करने में सक्षम थे. इससे रूसी गेहूं के उत्पादन में धमाकेदार वृद्धि हुई है.
गेहूं के निर्यात में यूक्रेन दुनिया में 5वें स्थान पर है. यह अपना गेहूं ओडेसा, खेरसॉन (Kherson) और मायकोलाइव (Mycolive) से भेजता है. लेकिन युद्ध के कारण यूक्रेन से गेहूं का निर्यात रुक गया है.
इसके अतिरिक्त भारत सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम (Government of India Essential Commodities Act) के तहत स्टॉक पर प्रतिबंध लगा सकती है और विदेश व्यापार अधिनियम (Foreign Trade Act) के तहत निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा सकती है. अगर ऐसा होता है तो किसानों और अर्थव्यवस्था दोनों को नुकसान होगा.
भारत में गेहूं का उत्पादन (Wheat production in India)
वर्तमान में, भारत दुनिया में गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन वैश्विक गेहूं निर्यात (Global Wheat Export) में इसका हिस्सा केवल 1% है. वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत का गेहूं मार्च में तैयार हो जाता है जबकि यूक्रेन का गेहूं अगस्त-सितंबर में तैयार होता है.