देश के लिए कोरोना महामारी कई बड़े संकट लेकर आई है, लेकिन कृषि क्षेत्र पर इसका असल बेअसर साबित हुआ है. किसानों ने इस वक्त अपने खेतों में खरीफ फसलों की बुवाई (Sowing Of Kharif Crops )कर रखी है, जिस पर कोराना महामारी का कोई बुरा असर नहीं पड़ा है, बल्कि खरीफ की फसलों (Kharif Crops) की बुवाई एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है. बता दें कि साल 2020 के मौसम में अब तक 1,095.38 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई होने का रिकॉर्ड स्तर सामने आया है.
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने दावा किया है कि इस साल अच्छी बारिश, बीज, कीटनाशक, उर्वरक, मशीनरी और ऋण जैसे जरूरी सामान का समय से पहले इंतजाम हुआ है, इसलिए कोरोना महामारी के बावजूद भी खेती के रकबे के दायरे में वृद्धि संभव हुई है. बता दें कि देश के लगभग सभी हिस्सों में दलहन, मोटे अनाज, बाजरा और तिलहन फसलों की बुवाई खत्म हो चुकी है, लेकिन धान की बुवाई अभी भी जारी है.
खास बात है कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और राज्य सरकारों ने मिशन कार्यक्रमों और प्रमुख योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सभी प्रयास किए हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नए बुवाई के रिकॉर्ड पर कहा है कि समय पर बुवाई, प्रौद्योगिकियों को अपनाने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का श्रेय किसानों को जाता है. उनके अथक प्रयासों से ही देश के विकास के लिए नए आयाम स्थापित हो पाए हैं.
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इसके अलावा कृषि मंत्रालय का कहना है कि चालू खरीफ सत्र के बुवाई के आंकड़ों को 2 अक्तूबर को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि खरीफ फसलों की बुवाई का पिछला रिकॉर्ड साल 2016 में पेश किया गया था. तब किसानों ने कुल 1,075.71 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई की थी.
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