केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare Narendra Singh Tomar) के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचा है. इस दौरान किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत अन्य सदस्यों ने श्रीनगर में उद्यानिकी के उत्कृष्ता केंद्र का अवलोकन किया.
इसके साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित एक समारोह में नरेंद्र सिंह तोमर भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ मर्यादित (नेफेड) द्वारा बनाए गए कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ) को सर्टिफिकेट प्रदान किए.
जम्मू-कश्मीर को विकास की दौड़ में किया शामिल
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare Narendra Singh Tomar) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने बरसों से चल रहे असंतुलन को समाप्त करने की पहल करते हुए पूरी शिद्दत से जम्मू-कश्मीर को विकास की दौड़ में शामिल किया है. सरकार कश्मीर की तक्दौर-तस्वीर बदलेगी.
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तोमर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का यह क्षेत्र भारतवर्ष के लिए बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है. हमारी सांस्कृतिक मान्यताओं में इस परिक्षेत्र को देश का मुकुटमणि कहा गया है. यह क्षेत्र आगे बढ़े, इस क्षेत्र का योगदान आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हो, यह भारत सरकार की सदइच्छा है, जिसके लिए सरकार पूरे मनोयोग काम कर रही है.
देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ना
उन्होंने कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देश का कामकाज संभाला है, तब से लगातार उनका यह प्रयत्न रहा है कि अतीत के गौरव से प्रेरणा लेकर वर्तमान में संकल्प कर भविष्य में उन्हें साकार करने के लिए पुरे प्राण-प्रण से प्रयत्न करो. प्रधानमंत्री ने जय किसान जय जवान - जय विज्ञान के नारे को आगे बढ़ाया है.
उन्होंने सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास का भी मंत्र दिया. इसमें सबका प्रयास भी जोड़ा है. वे इस समग्रता की भावना से काम कर रहे हैं. उनकी लगातार कोशिश है कि बरसी-बरस से जो क्षेत्र व वर्ग अपेक्षित विकास की दौड़ में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाया है, इस असंतुलन को समाप्त कर सबको साथ लेकर देश के विकास के लिए आगे बढ़ना.
कानूनी रूप से कश्मीर की तस्वीर बदली
तोमर ने आगे कहा कि कश्मीर का यह क्षेत्र आध्यात्मिक, राजनीतिक व खेती-किसानी की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. एक समय ऐसा आया था, जब शायद भारत के इस मुकुट को नजर लग गई, यहां के नागरिकों व देश की अपेक्षा पूरी नहीं हो पाई, साथ ही विकास की गति रुक गई. मगर अब कानूनी रूप से कश्मीर की तस्वीर बदली है. भारत सरकार यहां के किसानों के साथ कंधे से कंधा, कदम से कदम मिलाएगी और आने वाले कल में घाटी की तकदीर बदलने में भी कामयाबी हासिल करेगी. घाटी में अनेक संभावनाएं है, भारत सरकार यहां के लोगों की भावना के अनुरूप काम करने की पूरी कोशिश करेगी.
इसके साथ ही कार्यक्रम में क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने सेंटर आफ एक्सीलेंस (हार्टिकल्चर), सैफरान पार्क जैसी परियोजनाओं के लिए केंद्र द्वारा दी जा रही सहायता के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर को धन्यवाद दिया. तोमर ने बताया कि कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) द्वारा प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन से वित्तीय सहायता का लाभ मिलेगा.
सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य
इसके अलावा तोमर ने उच्च घनत्व (हाई ईटसिटी) सेब पौधारोपण कार्यक्रम को लेकर कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आमदनी दोगुना करना चाहती है, इसके लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत पहले जहां एक हेक्टेयर में लगभग ढाई सौ-तीन सौ पौधे लग पाते थे, वे अब तीन हजार से भी ज्यादा लग पा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि यहां पहले परंपरागत खेती से सेब के पेड़ों पर 7 से 8 साल में फल आते थे, लेकिन अब हाईडेंटसिटी एप्पल प्लांटेशन की वजह से दूसरे साल से ही फसल मिलना चालू हो जाती है. इससे किसानों की आमदनी में काफी अच्छा सुधार हो रहा है, साथ ही किसान भी काफी खुश है. सेंटर आफ एक्सीलेंस से भी उद्यानिकी किसानों की बहुत मदद हो रही है. किसानों के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने हाईडेंटसिटी एप्पल प्लांटेशन के लिए एआईएफ राशि देने का आश्वासन भी दिया.
छोटे किसानों पर पूरा फोकस
उन्होंने आगे कहा कि देश के प्रधानमंत्री का पूरा फोकस छोटे किसानों के संपूर्ण विकास पर है, जिनकी संख्या लगभग 86 प्रतिशत है. केंद्र सरकार की 6,850 करोड़ रुपए की योजना से देशभर में 10 हजार नए एफपीओ बनाने का कार्य शुरू किया गया है. कृषि क्षेत्र में निजी निवेश और उनकी उपज किसी को भी बेचने की स्वतंत्रता देते हुए कृषि सुधार कानून बनाए गए हैं. इसके अलावा कांट्रेक्ट फार्मिग के लिए भी समुचित प्लेटफार्म का प्रावधान किया गया है.
जानकारी के लिए बता दें कि इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री सुशोभा करंदलाजे व कैलाश चौधरी, उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार फारुक अहमद खान, जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारी नवीन कुमार व एजाज अहमद भट, नेफेड के प्रबंध निदेशक एस.के. चड्ढा, केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल व संयुक्त सचिव राजबीर सिंह भी उपस्थित थे.