भारत में तिलहन की फसलों में सरसों बहुत ही अच्छी मात्रा में उगाई जाने वाली फसल है. वैसे तो भारत बाहर से भी खाने का तेल आयात करता है. जिसमें पॉम ऑयल की मात्रा सबसे ज्यादा होती है. अगर हम भारत की बात करें तो भारत में सरसों की कुल पैदावार में 88 प्रतिशत के कब्ज़ा केवल 5 राज्यों ने जमा रखा है. जिनमें सबसे ज्यादा उत्पादन राजस्थान में होता है. साल में सबसे ज्यादा उत्पादन में राजस्थान पहले स्थान पर और उसके बाद अन्य 4 राज्य हैं.
कितना उत्पादन करता है राजस्थान
भारत में सबसे ज्यादा सरसों उत्पादन की बात करें तो राजस्थान पहले नबंर पर आता है. यह पूरे भारत में उगाई जाने वाली सरसों में लगभग 50 प्रतिशत अकेले ही यह राज्य उत्पादित करता है. कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग (DACFW) आंकड़ों की माने तो देश में कुल उत्पादित होने वाले सरसों में राजस्थान में अकेले 46.7 प्रतिशत का उत्पादन पिछले वर्ष रहा है.
अन्य चार राज्यों में कितना होता है उत्पादन
राजस्थान के बाद अगर हम अन्य राज्यों की बात करें तो मध्य प्रदेश 15 प्रतिशत के उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर आता है. इसके बाद तीसरे स्थान प्रदेश हरियाणा है जो कुल उत्पादन का 10.08 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर आता है. उत्तर प्रदेश सरसों के उत्पादन में चौथा स्थान है और इसका कुल प्रतिशत 9.5 प्रतिशत है. पांचवे स्थान पर पश्चिम बंगाल है जो 6.4 प्रतिशत का उत्पादन प्रतिवर्ष करता है. भारत के बचे हुए सभी अन्य राज्य 12 प्रतिशत के अंदर आते हैं.
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भारत में इन तेलों का खाने में सबसे ज्यादा होता है उपयोग
हम खाने वाले तेलों की बात करें तो यह अलग-अलग जगह की जलवायु पर निर्भर करता है. खाने में हम सबसे ज्यादा जिन तेलों का प्रयोग करते हैं उनमें नारियल का तेल, मूंगफली का तेल, सरसों का तेल या शुद्ध देसी घी सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाले तेल हैं. इसके बाद हम अगर खाने के लिए सबसे अच्छे तेल की बात करें तो जैतून का तेल सबसे अच्छा माना जाता है. यह स्वास्थ्य इलाज के लिए कई बीमारियों में प्रयोग होने वाला तेल भी है.
क्या हैं जैतून तेल के लाभ
शरीर के लिए गुणकारी जैतून का तेल बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाता है. यह शरीर में कई बीमारियों को जड़ से ख़त्म करने में और कुछ के लिए सहायक का काम करता है. इसके सेवन करने से शरीर में वजन की मात्रा नहीं बढ़ती है. यह मधुमेह रोगियों के लिए भी लाभकारी होता है. उच्चरक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है.
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कई रोगों में यह तेल वरदान सिद्ध होता है. भारत लगातार खाने के तेल को दूसरे देशों से आयात करता है. अगर हम पिछले वर्ष 2022 की बात करें तो भारत ने कुल 47,46,290 लीटर टन खाने के तेल को आयात किया है.