भारत सरकार द्वारा किसानों की आर्थिक सहायता के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) चलाई जा रही है. इस बीच एक बड़ी खबर आई है कि पीएम किसान योजना में एक बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है.
बताया जा रहा है कि करीब 42 लाख अपात्र लोगों ने गलत तरीके से पीएम किसान योजना (PM Kisan Scheme) की किस्त प्राप्त की है. यानी इस तरह 2,900 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ है. बता दें कि यह जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा दी गई है. दरअसल. उन्हें संसद में एक सवाल के जवाब के दौरान यह जानकारी दी.
कौन हैं पीएम किसान योजना के अयोग्य लाभार्थी?
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परिवार में कोई टैक्सपेयर है, तो योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
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अगर आप खेती की जमीन का इस्तेमाल अन्य दूसरे कामों के लिए कर रहे हैं, तो लाभ नहीं मिलेगा.
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अगर आप खेती कर रहे हैं, लेकिन खेत आपके नाम नहीं है, तो इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा.
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अगर आपका खेत पिता या दादा के नाम से है, तो आप योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं.
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अगर जमीन का मालिक सरकारी कर्मचारी है या फिर रिटायर हो चुका है, तो उसे लाभ नहीं दिया जाएगा.
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मौजूदा या पूर्व में सांसद, विधायक, मंत्री पद पर कार्यरत लोग योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं.
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प्रोफेशनल रजिस्टर्ड डॉक्टर, इंजिनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट या इनके परिवार के लोग योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं.
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अगर आप खेत के मालिक है, लेकिन आपको 10 हजार रुपए से अधिक पेंशन मिलती है, तो आप योजना का लाभ उठाने के लिए अपात्र हैं.
कहां-कहां हुआ फर्जीवाड़ा?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो देश के खई राज्यों में अपात्र लोगों ने पीएम किसान योजना (PM Kisan Scheme) का लाभ उठाया है. इसमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, असम, बिहार, असम, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ का नाम शामिल है.
कितनी की वसूली?
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असम से 554 करोड़ रुपए
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उत्तर प्रदेश से 258 करोड़
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बिहार से 425 करोड़
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पंजाब से 437 करोड़ रुपए
कैसे होता है फर्जीवाड़ा?
अधिकारियों की मानें, तो पीएम किसान योजना (PM Kisan Scheme) के अपात्र लोग फर्जी दस्तावेज जमां करके राशि प्राप्त करते हैं. इसके अलावा, स्थानीय स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत या फिर आय छुपाकर योजना का लाभ उठा लेते हैं. बताया जा रहा है कि असम में पेंशनभोगियों, गैर-किसानों, आयकर दाताओं और परिवार में एक से अधिक व्यक्ति योजना का लाभ उठा रहे हैं.
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
पीएम किसान योजना (PM Kisan Scheme) में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए केंद्रीय दिशानिर्देशों में अधिकारियों को लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन भी करना चाहिए. इसके अलावा, योजना के लाभ के लिए किए गए आवेदन की सही तरीके से जांच होनी चाहिए.
जानकारी के लिए बता दें कि इस पीएम किसान योजना (PM Kisan Scheme) के तहत सालाना 6 हजार रुपए की राशि किसानों के खातों में भेजी जाती है. यह राशि 2-2 हजार रुपए की 3 किस्तों में डायरेक्ट ट्रांसफर की जाती है.