आजकल थायराइड (Thyroid) के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है. आमतौर पर यह समस्या वजन बढ़ने या फिर हार्मोंस में गड़बड़ी होने की वजह से होती है. ऐसे में आज हम आपको थायराइड के शुरुआती लक्षण, कारण और इससे बचने के उपाय बताने जा रहे हैं.
क्या है थायराइड? (What is Thyroid)
गर्दन के अंदर और कॉलरबोन में तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है, जो एक तरह की एंडोक्राइन ग्रंथि होती है. इससे हार्मोन्स बनते हैं. यह समस्या महिलाओं में सबसे ज्यादा बढ़ती है या फिर कम होती है. जब थायराइट ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का निर्माण नहीं कर पाती है, तब व्यक्ति की शारीरिक क्षमता कम हो जाती है.
थायराइड के प्रकार (Types of Thyroid)
हाइपोथायरायडिज्म थायराइड- यह थायराइट ग्रंथि में थायराइड हॉर्मोन की कमी के कारण होता है. यह मुख्य रूप से छोटे बच्चों में देखने को मिलता है.
हाइपरथाइरॉयडिज़्म थायराइड- यह थायराइड ग्रंथि में अतिरिक्त टिशू के निर्माण की वजह से होता है. बता दें कि हाइपरथाइरॉयडिज़्म थायराइड में हार्मोन की अधिकता हो जाती है.
गोइटर थायराइड- इसे घेंघा रोग भी कहा जाता है, जो शरीर में आयोडीन की कमी से होता है.
थायराइड कैंसर- यह सबसे गंभीर और अंतिम प्रकार है. इसका इलाज केवल सर्जरी के जरिए किया जा सकता है. जब थायराइड कैंसर होता है, तब थायराइड ग्रंथि में गांठ बन जाती है.
थायराइड के कारण (Due to Thyroid)
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शरीर में आयोडीन की कमी का होना
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बच्चे को जन्म देना
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अत्याधिक तनाव लेना
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उच्च रक्तचाप का होना
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डायबिटीज का होना
थायराइड के लक्षण (Thyroid Symptoms)
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घबराहट होना
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चिड़चिड़ापन आना
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ज्यादा पसीना आना
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हाथ पैरों का कांपना
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बालों का झड़ना
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पतला हो जाना
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नींद में कमी आना
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मांसपेशियों में दर्द
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कमजोरी रहना
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दिल की धड़कनें तेज होना
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भूख ज्यादा लगना
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वजन कम होना
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महिलाओं के पीरियड्स में अनियमितता
थायराइड की समस्या में इन चीजों का करें सेवन (Thyroid diet)
आयोडीन (Iodine)
थायराइड की समस्या से परेशान लोगों को आयोडीन युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए. इससे थायराइड ग्रंथि के दुष्प्रभाव कम होता है.
मछली (Fish)
मरीजों को मछली खाना चाहिए, क्योंकि मछलियों में आयोडीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है. ध्यान रहे कि समुद्री मछलियों में सबसे ज्यादा आयोडीन पाया जाता है.
डेयरी प्रोडक्ट्स (Dairy Products)
आपको दूध, दही, पनीर और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इनमें कैल्शियम, विटामिन, मिनरल्स और दूसरे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं.
मुलेठी (Muleti)
इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो रि थायराइड ग्रंथि को संतुलित करने के लिए सहायक होते हैं. इसका सेवन थकान और कमजोरी की समस्या दूर होती है.
सोया (Soya)
मरीजों को सोयाबीन से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए. जैसे सोया मिल्क, टोफू या सोयाबीन आदि. बता दें कि इनमें ऐसे रसायन होते हैं, जो हार्मोन बैलेंस रहते हैं.
(इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है. अगर आप थायराइड की समस्या से परेशान हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)