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Updated on: 8 February, 2019 12:00 AM IST

वैसे तो आपने अलग-अलग प्रकार के फूलों के बारे में जाना और सुना होगा लेकिन हम आपको बात रहे है देश के पर्वतीय गोद हिमालय में खिलने वाले फूल ब्रह्मकमल के बारे में. हिमालय की गोद में खिलने वाला ये अद्भुत फूल 14 सालों में केवल एक बार ही खिलता है.कमल एक ऐसा अद्भुत फूल है कि यह केवल रात में ही खिलता है और सुबह होते ही यह फूल बंद हो जाता है. दुनियाभर के लोग रात में इस फूल को देखने आते है. यह उत्तराखंड राज्य का राजकीय फूल भी है. इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है.

ठंड इलाकों में मिलता है यह फूल

कमल ऐसा फूल है जो कि हिमालय के उत्तरी व दक्षिण-पश्चिम चीन के हिस्से में पाया जाता है. कमल का फूल हिमालय के ठंड इलाकों में पाया जाता है. बदरीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड की घाटी, महेश्वर रूप कुंड, तुंगनाथ आदि इलाकों में ये फूल देखा जा सकता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार यह फूल महादेव को अधिक प्रिय है.

केदारनाथ की वाटिका में खिलता यह फूल

केदारनाथ में उत्तराखंड राज्य की पुलिस ने इन्ही फूलों की एक वाटिका लगाई है. सबसे खास बात तो यह है कि यहां पर बनी वाटिका इंसान द्वारा बनी पहली ऐसी वाटिका है जहां पर कमल को खिलाने का काम किया जाता है. यह सूरजमुखी की फैमिली एरिटेस्टी फैमिली का पौधा है. पुलिस के मुताबिक इस वाटिका को तैयार करने में कुल तीन साल का वक्त लगा है.

चीन में भी खिलता ये फूल

कमल सुंदर, सुंगधित व दिव्य फूल होता है जो कि चीन में भी उगता है. वनस्पति शास्त्र में कमल की कुल 31 प्रजातियां का उल्लेख किया गया है. चीन में भी ब्रह्म कमल खिलता है जिसे 'तानहुआयिझियान' कहते हैं जिसका अर्थ है प्रभावशाली लेकिन कम समय तक ख्याति रखने वाला. जुलाई व सिंतबर के मध्य में खिलने वाला यह फूल रात्रि में बंद हो जाता है.

संरक्षित प्रजाति में रखा गया

कमल अपनी सुंदरता और औषधीय गुणों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है. इसीलिए इसे संरक्षित प्रजाति में रखा गया है. कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में कमल को काफी मुफीद माना जाता है. अगर आप कमल को अपने घर में रख लेते है तो कई तरह के दोष दूर हो जाते है.

उत्तराखंड में बनेगा बीज बैंक

उत्तराखंड राज्य के अनुंसधान केंद्र ने राज्य पुष्प कमल के बीज को तैयार कर लिया है. अनुसंधान केंद्र का कहना है कि आने वाले समय में इसके सहारे तेजी इस फूल की प्रजाति को बचाने का कार्य किया जा रहा है. रूद्रनाथ और वनमंडल में तीन-तीन हेक्टेयर में इसकी पौधशाला तैयार हो चुकी है जिससे काफी ज्यादा फायदा भी होने की उम्मीद है. यहां का वन अनुंसधान केंद्र राज्य की अन्य फूल की प्रजातियों को भी संरक्षित करने के लिए तेजी से कार्य कर रहा है.

English Summary: These amazing flowers bloom in the Himalayan valley
Published on: 08 February 2019, 02:07 IST

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