साल 2018 अब अंतिम चरण में है जल्द ही नये साल 2019 का आगाज हो जाएगा। ऐसे में इस साल देश-दुनिया में कई ऐसी महत्वपूर्ण खोजें हुई है जिन्हें मानवीय लिहाज से काफी अहम माना जाता है। इसी क्रम में पौधों की दस नई किस्मों को इस साल खोजा गया है जो काफी मह्त्वपूर्ण है। आइए हम आपको अवगत करवाते है इन दस महत्वपूर्ण प्रजातियों के बारे में-
1. लिब्बिया ग्रेंडीफ्लोराः अइबा लेबी नामक प्रोफेसर ने इस दुर्लभ प्राजति के पौधे की खोज की है। सिएरा लियोन के झरने के पास इस खास पौधे को उन्होंने देखा तो इसके नमूने को इकट्ठा करके क्यू भेजा, जहां पर इस पौधे की प्रजाति को नई पहचान मिली। इस पौधे की प्रजाति का नाम प्रोफेसर लेबी के नाम पर लेबी ग्रेंडीफ्लोरा रख दिया गया। यह विशेष पौधा एक ऐसे क्षेत्र में पाया जाता है जहां पर हर वक्त खनन और हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का खतरा बना हुआ है।
2. किंडिया गंगनः यह कॉफी की एक प्रजाति है। इस पौधे को पश्चिमी अफ्रीका के किंडिया शहर में एक फील्ड ट्रिप के दौरान खोजा गया है। वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है कि इस पौधे में इस तरह के गुण है जो कि कैंसर के इलाज के लिए मददगार साबित हो सकते है।
3. नेपेंथेस बियाकः यह कीड़ों को खाने वाला पौधा है। इसकी खोज इंडोनेशिया के बियाक नामक छोटे से द्धीप पर हुई है। जिस द्धीप पर ये पौधा पाया गया है वहां पर पर्यटकों की आवाजाही के बढ़ जाने के कारण पौधे की प्रजाति को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है।
4. वेप्रिंस बालीः कैमरून के बामेंडा की पहाड़ियों के जंगलों में यह पेड़ पाया जाता था, लेकिन यह माना जाता रहा है कि यह पौधा पूरी तरह से विलुप्त हो चुका है। यहां पर हुए निर्माण कार्यों की वजह से इस पौधे को विलुप्त माना जा रहा है।
5. जिमीकंदः दुनियाभर के कई हिस्सों में इस पौधे को फल की तरह इस्तेमाल किया जाता है।बैंगनी रंग के फूलों वाले इस पौधे का नाम डायोस्केरिया हतेंरी रखा गया है। इस पौधे की खोज दक्षिण अफ्रीका के क्वजुलुलु नटाल नामक स्थान पर हुई है। इसकी प्रजाति पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है।
6. ओरियोचेरिस ट्राईब्रेक्टिटाः वैज्ञानिकों ने इस पौधे की उत्तरी वियतनाम में खोजा गया। इसके बाद इसको ब्रिटेन में उगाया गया।
7. पिमेंट बर्सिलियाः इस पौधे को मसाले के पौधे के रूप में प्रसिद्धि मिली है। इस पेड़ को मसालों के पेड़ की संज्ञा दी जाती है। इसको काली मिर्च जैसा खाने के उत्पादों में प्रोयग किया जाने वाला पदार्थ प्राप्त होता है।
8. गुलाबी फूल वाला पौधाः इसकी खोज वर्ष 2018 में ही की गई है। प्रथम बार इसको बोलिविया की घाटी में देखा गया।
9. पैफिओपेडिलम पैपीलीओ-लाओटिसः यह अर्किड का पौधा लाओस में पाया गया है। बड़े पैमाने पर इस पौधे की तस्करी हो रही थी जिस कारण इस प्रजाति पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा था।
दोस्तों, आज इन विलुप्त होती प्रजातियों को बचाना बेहद अहम हो चला है, क्योंकि ये पौधे मानव की कईं जरूरतों को पूरा करते हैं। देश-दुनिया के कई वैज्ञानिक इन विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने में लगे हुए हैं। इन दुर्लभ प्रजातियों का संरक्षण मानव समाज को कई गंभीर खतरों से बचा सकता है।