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Updated on: 28 November, 2018 12:00 AM IST
Benefits of small kitchen gardens

अच्छे स्वास्थ्य के लिए दैनिक आहार में संतुलित पोषण का होना बहुत जरूरी है. फल एवं सब्जिया संतुलन को बनाये रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते है. क्योकि ये विटामिन, खनिज लवण तथा कार्बोहाइड्रेट के अच्छा स्त्रोत माने जाते हैं . फिर भी इन फल एवं सब्जियों की नियमित उपलब्धता बनी रहें, इसके लिए घर के पिछवाड़े में पड़ी जमीन पर खेती करना बहुत ही लाभदायक उपाय है. संतुलित भोजन के लिए एक व्यस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 75 ग्राम फल और 300 ग्राम सब्जी का सेवन करना चाहिए.

किचन गार्डन (सब्जी बगीचा)

स्वस्छ जल के साथ रसोई घर एवं स्नान घर से निकले पानी का उपयोग कर आप घर के पिछवाडें में साग सब्जी उगाने की योजना बना सकते है. जिससे आपको शुद्ध और रासायनिक मुक्त सब्जियां खाने को मिलेगी. सीमित क्षेत्र में साग सब्जी उगाने से घरेलू आवश्यकता की पूर्ति भी हो सकेगी. सब्जी उत्पादन में रासानिक पदार्थो का उपयोग करने की जरूरत भी नही पड़ेगी.

सब्जी बगीचा के लिए स्थल

सब्जी बगीचा के लिए स्थल घर का पिछवाड़ा ही होता है जिसे हम लोग बाड़ी भी कहते है. यह संविधाजनक स्थान होता हैं. क्योकि परिवार के सदस्य खाली समय में साग-सब्जियों पर ध्यान दे सकते है तथा रसोई घर व स्नान घर से निकला पानी असानी से सब्जी की क्यारी की ओर घुमाया जा सकता है.

पौधा लगाने के लिए खेत तैयार करना

1. सर्वप्रथम 30-40 से.मी. की गहराई तक हल की सहायता से जुताई करें.

2. खेत में अच्छे ढ़ग से निर्मित 100 किग्रा केंचुआ खाद चारों ओर फैला दे.

3. आवश्यकता के अनुसार 45 से.मी. या 60 सेमी की दूरी पर मेड़ या क्यारी बनाएं.

सब्जी बीज की बुवाई और पौध रोपण

1. सब्जी बगीचा मुख्य उध्देश्य अधिकतम लाभ प्राप्त करना है तथा वर्ष भर घरेलू साग सब्जी की आवश्यकता की पूर्ति करता है.

2. बगीचा के एक छोर पर बारह मासी पौधे को उगाना जाना चाहिए जिससे इनकी छाया अन्य फसलों पर न पडे़ तथा साग सब्जी फसलो को पोषण दे सकें.

3. साधें धुवाई की जाने वाली सब्जी जैसे भिंण्डी, पालक, एवं लोबिंया आदि की बुआई पेड़ या क्यारी बनाकर की जा सकती है.

4. प्याज, पुदीना, एवं धनिया को खेत के मेड़ पर उगाया जा सकता है. सब्जी फसल जैसे - टमाटर, बैगन, और मिर्ची आदि को एक महीना पूर्व में नर्सरी पेड़ या टूटे मटके में उगाया जा सकता है. प्रारंमिक अवस्था में इस प्रत्यारोपण को 3-4 दिन बाद पानी दिया जाए तथा बाद में 6 - 7 दिनों के बाद पानी दिया जाए.

किचन गार्डन लगाने हेतु ध्यान देने योग्य बातें

1. किचन गार्डन के एक किनारे पर खाद का गड्डा बनाये जिससे घर का कचरा, पौधों का अवशेष डाला जा सकें जो बाद में सड़़कर खाद के रूप में प्रयोग किया जा सकें.

2. बगीचा की सुरक्षा के लिये कंटीले झाड़ी व तार से बाड़ फेंसिंग लगाये जिसमें लता वाली सब्जी लगायें.

3. सब्जियों एवं पौधों की देखभाल व आने जाने के लिये छोटे-छोटे रास्ते बनायें.

4. सब्जियों के लिए छोटी-छोटी क्यारियां बनायें.

5. फलघर वृक्षों को पश्चिम दिशा की ओर एक किनारे पर लगायें जिसमें छाया का प्रभाव अन्य पर ना पडे़.

6. जड़ वाली सब्जियों को मेड़ पर लगाये.

7. फसल चक्र के सिंध्दान्तों के अनुसार सब्जियों का चुनाव करे.

सब्जियों का चयन इस प्रकार करें कि साल भर उपलब्धता बनी रहें

खरीब मौसम वाली सब्जियां

इन्हें जून जुलाई मैं लगाया जाता है लोबिया, तोराई, भिण्डी, अरबी, करेला, लौकी, टमाटर, मिर्च, कद्दू आदि.

रबी मौसम वाली सब्जियाँ

इन्हे अक्टूबर-नवम्बर में लगया जाता है। बैगन, आलू मेथी, प्याज, लहसुन, पालक, गोभी, गाजर आदि.

जायद मौसम की सब्जियाँ

इन्हे फरवरी-मार्च में बुवाई की जाती है. कद्दू वर्गीय सब्जियां, भिण्डी आदि.

किचन गार्डन के लाभ

1. घर के चारों और खाली भूमि का सदुपयोग हो जाता है.

2. मन पंसद सब्जियों की प्रप्ति होती है.

3. परिवारिक व्यय में बचत होती है.

4. सब्जी खरीदने के लिये अन्यत्र जाना नहीं पड़ता.

5. घर के व्यर्थ पानी व कुड़ा-करकट का सदुपयोग हो जाता है.

 तो देखा आपने एक छोटे से किचन गार्डन के फायदों के बारे ऐसी ही ख़ास फायदों की जानकारियों को जानने के लिए आप कृषि जागरण वेबसाइट से जानकारी ले.

English Summary: The amazing benefits of small kitchen gardens, which are beneficial for you
Published on: 28 November 2018, 02:01 IST

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