Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 13 May, 2020 12:00 AM IST

बारिश के मौसम में अक्सर अमरूद के पेड़ पर फल मक्खी का प्रकोप हो जाता है. इससे पेड़ पर लगे पके फल गिरने लगते हैं. यह कीट अन्य फलों की मुकाबले अमरूद के फलों को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. बता दें कि अमरूद के पेड़ से मुख्यत दो बार फल बारिश और सर्दी में लिए जाते हैं. मगर इस कीट का प्रकोप बारिश के मौसम में ज्यादा रहता है. आइए अमरूद का उत्पादन करने वाले किसानों को फल मक्खी से फलों को बचाने का उपाय बताते हैं.

क्या है फल मक्खी

यह कीट लाल भूरे रंग और चमकदार दिखाई देते हैं. इन पर पीले भूरे सुनहले रंग की धारियां बनी होती हैं. इनका आकार घरेलू मक्खी से कुछ बड़ा होता है. जब फल पकने लगता है, तब मादा फल मक्खी मुलायम फलों की त्वचा में छेद करके अंदर घुस जाती है और गूद्दे में अंडे देने लगती हैं. इसके बाद छेद को मटमैले पदार्थ द्वारा बंद कर देती है. इससे फल की त्वचा पर छोटे-छोटे बदरंग धब्बे पड़ने लगते हैं. यह कीट 3 से 5 दिन बाद फलों के गूदे को खाना शुरू कर देती हैं. इस तरह फल में सड़न आने लगती है और फल खाने योग्य नहीं बचता है.

फल मक्खी की रोकथाम

  • इस कीट से अमरूद को बचाने के लिए सबसे पहले गिरे हुए और ग्रसित फलों को गड्ढे में दबाकर नष्ट कर देना चाहिए.

  • पौधों के आस-पास वाली जगह को साफ कर देना चाहिए.

  • पौधों की गहरी गुड़ाई करनी चाहिए, ताकि फल मक्खी या अन्य कीट के अंडे और प्यूपा गहरी गुड़ाई में ही मर जाएं.

  • फ्रूट फ्लाई ट्रेप द्वारा नर कीट को नष्ट कर सकते हैं. यह ट्रेप प्लाइवुड के 5x5x1 सेमी. आकार का होता है. इसको अल्कोहल, मिथाइल यूजिनाल, मैलाथियान के घोल में भिगोकर लगाया जाता है. इससे फल मक्खी के नर कीट आकर्षित होते हैं और कीटनाशक के संपर्क में आकर मर जाती हैं.

  • इस कीट की रोकथाम के लिए विष चुग्गा का उपयोग भी कर सकते हैं. इसके लिए 1 लीटर पानी में लगभग 100 ग्राम चीनी या गुड़, 10 मि. ली. मैलाथियान का घोल तैयार करके पेड़ों पर लटका दें. इस तरह फल मक्खी प्यास लगने पर गुड़ वाला पानी पीने से कीट मर जाएगा.

  • अमरूद के छोटे फलों को छेद किए पौलीथीन, मसलीन क्लाथ की थैलियों द्वारा कवर कर सकते हैं.

  • इसके अलावा 2 मि.लि मैलाथियान को प्रति लीटर पानी में घोलकर फल आने पर 7 दिन के अंतराल पर 3 बार छिड़कते रहें.

English Summary: Method of saving guava orchards from fruit fly
Published on: 13 May 2020, 01:57 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now