बारिश के मौसम में अक्सर अमरूद के पेड़ पर फल मक्खी का प्रकोप हो जाता है. इससे पेड़ पर लगे पके फल गिरने लगते हैं. यह कीट अन्य फलों की मुकाबले अमरूद के फलों को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. बता दें कि अमरूद के पेड़ से मुख्यत दो बार फल बारिश और सर्दी में लिए जाते हैं. मगर इस कीट का प्रकोप बारिश के मौसम में ज्यादा रहता है. आइए अमरूद का उत्पादन करने वाले किसानों को फल मक्खी से फलों को बचाने का उपाय बताते हैं.
क्या है फल मक्खी
यह कीट लाल भूरे रंग और चमकदार दिखाई देते हैं. इन पर पीले भूरे सुनहले रंग की धारियां बनी होती हैं. इनका आकार घरेलू मक्खी से कुछ बड़ा होता है. जब फल पकने लगता है, तब मादा फल मक्खी मुलायम फलों की त्वचा में छेद करके अंदर घुस जाती है और गूद्दे में अंडे देने लगती हैं. इसके बाद छेद को मटमैले पदार्थ द्वारा बंद कर देती है. इससे फल की त्वचा पर छोटे-छोटे बदरंग धब्बे पड़ने लगते हैं. यह कीट 3 से 5 दिन बाद फलों के गूदे को खाना शुरू कर देती हैं. इस तरह फल में सड़न आने लगती है और फल खाने योग्य नहीं बचता है.
फल मक्खी की रोकथाम
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इस कीट से अमरूद को बचाने के लिए सबसे पहले गिरे हुए और ग्रसित फलों को गड्ढे में दबाकर नष्ट कर देना चाहिए.
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पौधों के आस-पास वाली जगह को साफ कर देना चाहिए.
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पौधों की गहरी गुड़ाई करनी चाहिए, ताकि फल मक्खी या अन्य कीट के अंडे और प्यूपा गहरी गुड़ाई में ही मर जाएं.
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फ्रूट फ्लाई ट्रेप द्वारा नर कीट को नष्ट कर सकते हैं. यह ट्रेप प्लाइवुड के 5x5x1 सेमी. आकार का होता है. इसको अल्कोहल, मिथाइल यूजिनाल, मैलाथियान के घोल में भिगोकर लगाया जाता है. इससे फल मक्खी के नर कीट आकर्षित होते हैं और कीटनाशक के संपर्क में आकर मर जाती हैं.
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इस कीट की रोकथाम के लिए विष चुग्गा का उपयोग भी कर सकते हैं. इसके लिए 1 लीटर पानी में लगभग 100 ग्राम चीनी या गुड़, 10 मि. ली. मैलाथियान का घोल तैयार करके पेड़ों पर लटका दें. इस तरह फल मक्खी प्यास लगने पर गुड़ वाला पानी पीने से कीट मर जाएगा.
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अमरूद के छोटे फलों को छेद किए पौलीथीन, मसलीन क्लाथ की थैलियों द्वारा कवर कर सकते हैं.
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इसके अलावा 2 मि.लि मैलाथियान को प्रति लीटर पानी में घोलकर फल आने पर 7 दिन के अंतराल पर 3 बार छिड़कते रहें.