इन दिनों कई बागवानों ने अपने बागों में आम के पेड़ लगा रखे हैं. सभी फलों में आम को बहुत खास माना जाता है, क्योंकि इस फल की मांग देश से लेकर विदेशों तक की जाती है. देश के लगभग सभी राज्यों में इसकी खेती की जाती है. मगर देश के सभी राज्यों में इसकी अलग-अलग वरायटी पाई जाती है. किसान आम की खेती से अच्छी आमदनी कमा रहा है लेकिन कई बार आम की खेती पर कीटों का प्रकोप हो जाता है. इस कारण फसल का उत्पादन घट जाता है, तो वहीं फसल की गुणवत्ता में भी कमी आ जाती है. ऐसे में आम की खेती करने वाले किसानों के लए बागवान विशेषज्ञों ने सलाह दी है.
बागवान विशेषज्ञों के मुताबिक...
इन दिनों कई बागवान किसानों के बागों में आम के पेड़ खड़े होगें, इसके अच्छे उत्पादन के लिए दिन रात मेहनत भी कर रहे हैं. मगर हाल ही में बागवान विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि इन दिनों आम के पेड़ों पर मैंगो हॉपर कीट का प्रकोप बढ़ जाता है. इस कीट के प्रकोप में घनी शाखाओं वाले पेड़ों में धूप का प्रवेश नहीं हो पाता है.
कीट से आम के पेड़ों को नुकासान
बागवान विशेषज्ञों का कहना है कि यह कीट उडॉने वाला होता है, जो कि हजारों की संख्या में आम के पेड़ों पर पहुंच जाते हैं. इसके बाद पत्तों और आम के बौर का सारा रस चूस लेते हैं. इसके प्रकोप में पत्ते और बौर काला पड़ जाते हैं, जो सीधा पैदावार पर असर डालते हैं. इससे प्रकाश संश्लेशण नहीं होता औऱ पौधे को अपनी खुराक नहीं मिल पाती है. इसके बाद पेड़ पर लगे आम गिरने लगते हैं.
मैंगो हॉपर कीट से रोकथाम का तरीका
बागवान विशेषज्ञत्रों की सलाह है कि अगर आम के पेड़ इस कीट की चपेट में आ जाए, तो आवश्यकतानुसार डाइ क्लोरोबास या अमीडा क्लोब्रिड को लगभग 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़क देना चाहिए. इसके अलावा डिमेथोएट 30 ई सी की डेढ़ एमएल दवा को लगभग 1 लीटर पानी में मिला लें. इसके बाद छिड़क दें. यह प्रक्रिया लगभग 15-15 दिन के अंतराल पर दोहरा लेना चाहिए. इससे आम के पेड़ों पर मैंगो हॉपर कीट का खतरा कम हो जाएगा.
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