फसल के बचे अवशेषों को लेकर कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी, जानें क्या करें और क्या नहीं STIHL कंपनी ने हरियाणा में कृषि जागरण की 'एमएफओआई, वीवीआईएफ किसान भारत यात्रा' के साथ की साझेदारी कृषि लागत में कितनी बढ़ोतरी हुई है? सरल शब्दों में जानिए खेती के लिए 32 एचपी में सबसे पावरफुल ट्रैक्टर, जानिए फीचर्स और कीमत एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 21 January, 2022 12:00 AM IST
Mango Cultivation

बिहार के मधेपुरा के कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra) के वैज्ञानिकों ने आम की पैदावार को बढ़ाने के लिए एक नई तकनीक निकाली है. जिस तकनीक से किसानों की आय में वृद्धि होगी, साथ ही वे आत्मनिर्भर भी बन सकेंगे.

दरअसल, कृषि वैज्ञानिकों ने पुराने आम के बगीचा (Mango Garden) के जीर्णोद्धार (Renovation) को लेकर ट्रेनिंग प्रक्रिया शुरू की है. जहाँ कृषि विद्यालय के छात्रों और किसानों को प्रशिक्षण (Training To Farmers) दिया जायेगा. इस प्रशिक्षण में पुराने आम के बगीचे से आम की पैदावार को बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिक द्वारा जरुरी टिप्स दिए जा रहे हैं. तो आइये इन टिप्स के बारे में जानते हैं.

कृषि वैज्ञानिकों के टिप्स (Agricultural Scientists Tips)

  • कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि जनवरी में पेड़ की वैज्ञानिक विधि से आंशिक कटाई कर इस कार्य को सम्पन्न कराया जाता है. इस कटाई के बाद अगले एक दो वर्षों में पुनः आम बगीचे से अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है.

  • इसके बाद पेड़ों की टहनियों को कम करें. इसकी काट-छांट करने के तीन से चार महीनों के पश्चात् पेड़ों पर अत्यधिक टहनियां आती है. यदि उनको बढ़ते रहने दिया जाए, तो उनमें जगह, रोशनी, पोषण की कमी हो जाती है, जिससे उनके विकास पर असर पड़ता है. इसलिए इन टहनियों की जहां कहीं जरूरत हो, नियमित रूप से संख्या कम की जानी चाहिए, ताकि स्वस्थ टहनियों के खुले विकास और छतरी की तरह उनके बढ़ते रहने की क्रिया को आसान बनाया जा सके.

इसे पढ़ें - Varieties of Mango: आम की उन्नत किस्में और उनकी विशेषताएं

  • प्रत्येक काट-छांट किए गए पेड़ के चारों ओर तैयार किए गए कुण्ड में अच्छी तरह से सड़ी हुई 100-120 कि.ग्रा. घूरे की खाद डालें. इसके अलावा 2.5 कि.ग्रा. यूरिया, 3 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट (एस.एस.पी.) और 1.5 कि.ग्रा. म्यूरेट आफ पोटाश डालनी चाहिए.

  • मधेपुरा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तकनीक को अपनाकर किसान भाई आम का अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं और आय भी अच्छी प्राप्त कर सकेंगे.

English Summary: for more production of mango, tips given in krishi vigyan kendra
Published on: 21 January 2022, 03:40 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now