आज के दौर में फूलों की खेती एक लाभकारी व्यवसाय बनता जा रहा है. इन दिनों किसान फूलों की खेती को एक मुख्य खेती के तौर पर अपना रहे हैं और फूलों की खेती को एक अलग पहचान दिलाना चाहते हैं. सरकार भी फूलों की खेती के लिए किसानों को अलग-अलग तरह से प्रेरित कर रहे हैं. आय दिन किसानों को फूलों की खेती के लिए सरकार द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसमें फूलों की खेती के जरिए आय, संरक्षण इत्यादि के बारे में सिखाया जाता है.
वैसे तो हरियाणा और वहां के किसान कई तरह की खेती के लिए जाने जाते हैं लेकिन यहां पर फूलों की खेती का एक अलग महत्व है. फरीदाबाद के गांव फतेहपुर बिल्लोच में लगभग पिछले 36 वर्षों से बागवानी की खेती की जाती है. हरियाणा का यह गांव बागवानी के लिए काफी मशहूर है. गांव के खेतों में 12 महीने रंजनीगंधा, लिली, ग्लाईडोला, गेंदा और गुलाब के फूल लहलाहते हुए नजर आते हैं. किसान काफी सक्रियता से यहां इसकी खेती करते हैं और फूलों को दिल्ली के गाजीपुर मंडी में बेचकर मुनाफा कमाते हैं.
किसानों के द्वारा किए जा रहे फूलों की खेती में यहां खास बात यह है की गांव के किसान आधुनिक तरिकों से फूलों की खेती करते हैं जिसमे पानी का कम इस्तेमाल होता है. इसके साथ ही फतेहपुर बिल्लोच सिर्फ प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में बागवानी के लिए जाना जाता है. यह गांव ऐसा है जहां सबसे अधिक मात्रा में फूलों की खेती की जाती है, जो पेड पौधे लगाने जैसे अभियान में एक मात्र हिस्सा ही नहीं बल्कि सहायक भी है.