Apricot Ki Kheti: खुबानी, जिसे अंग्रेजी में ‘एप्रिकॉट’ कहा जाता है, एक पौष्टिक और स्वादिष्ट फल है जो भारत के कई हिस्सों में उगाया जाता है. इसकी खेती मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में की जाती है, जहां का मौसम ठंडा और शुष्क होता है. खुबानी का उपयोग ताजे फल के रूप में, सूखे मेवे के रूप में, और विभिन्न व्यंजन बनाने में किया जाता है. इसके स्वास्थ्य लाभ और बाजार में बढ़ती मांग के कारण इसकी खेती किसानों के लिए एक लाभकारी व्यवसाय बन सकती है.
खुबानी की खेती के लिए उपयुक्त क्षेत्र
खुबानी की खेती के लिए ठंडी और शुष्क जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती है. हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और लद्दाख जैसे क्षेत्रों में खुबानी की खेती बड़े पैमाने पर होती है. ये क्षेत्र खुबानी के लिए आदर्श परिस्थितियां प्रदान करते हैं, जैसे ठंडी सर्दियां और गर्मियों में मध्यम तापमान.
मिट्टी और जलवायु
खुबानी की खेती के लिए उपजाऊ और अच्छे जल निकास वाली मिट्टी आवश्यक होती है. इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए. खुबानी के पौधे ठंडी जलवायु में अच्छे से फलते-फूलते हैं, और इन्हें 8-10 घंटे की सीधी धूप की आवश्यकता होती है.
पौधारोपण का समय और विधि
खुबानी के पौधों को लगाने का सबसे अच्छा समय दिसंबर से फरवरी के बीच होता है. पौधे 4 से 5 मीटर की दूरी पर लगाए जाते हैं ताकि उन्हें पर्याप्त जगह और पोषण मिल सके. पौधों को लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई कर लेनी चाहिए और गोबर की खाद डालकर मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ानी चाहिए.
सिंचाई और देखभाल
खुबानी के पौधों को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है. शुरुआती समय में सिंचाई नियमित रूप से करनी चाहिए, लेकिन फल लगने के समय पानी की मात्रा कम कर देनी चाहिए. पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए नियमित रूप से कटाई-छंटाई और जैविक खाद का उपयोग करें.
बीमारियां और रोकथाम
खुबानी के पौधों पर मुख्यतः फंगल संक्रमण और कीटों का प्रकोप हो सकता है. इसके लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें और पौधों की नियमित जांच करें.
फसल की कटाई और उत्पादन
खुबानी के फल आमतौर पर जून से जुलाई के बीच तैयार हो जाते हैं. फलों को सावधानीपूर्वक तोड़कर एकत्र करना चाहिए ताकि उनकी गुणवत्ता बनी रहे. एक परिपक्व खुबानी के पेड़ से 40-50 किलोग्राम तक फल प्राप्त किए जा सकते हैं.
बाजार में मांग और आय
खुबानी की मांग ताजे फलों, सूखे मेवों, जैम, जैली और अन्य उत्पादों के रूप में बाजार में तेजी से बढ़ रही है. भारत के अलावा, इन फलों की निर्यात के लिए भी अच्छी मांग है. स्थानीय बाजार में ताजी खुबानी 150-300 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिकती है, जबकि सूखे मेवे 800-1200 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बिकते हैं.
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
खुबानी विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन और फाइबर से भरपूर होती है. यह पाचन को सुधारने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में मदद करती है.