LPG Price Cut: 1 अगस्त से एलपीजी सिलेंडर हुआ सस्ता, जानें अपने शहर में गैस के नए रेट बिहार में APEDA का क्षेत्रीय कार्यालय खुलने से केला, पपीता एवं अन्य फल उत्पादक किसानों को मिलेगा सीधा लाभ देशभर में मौसम का मिजाज बदला, दिल्ली, हरियाणा और यूपी समेत कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 1 August, 2025 12:00 AM IST
बिहार में एपीडा कार्यालय, किसानों को मिलेगा निर्यात में बढ़ावा

बिहार में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) का क्षेत्रीय कार्यालय पटना के कृषि भवन, मीठापुर में स्थापित किया जाना राज्य के फल उत्पादक किसानों के लिए एक ऐतिहासिक एवं दूरगामी महत्व का कदम है. विशेषकर केला, पपीता, लीची, अमरूद, मखाना एवं सब्जी उत्पादकों को इससे निर्यात के क्षेत्र में बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा.

इस क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना से किसानों, एफपीओ, प्रोसेसिंग यूनिट्स एवं कृषि उद्यमियों को प्रमाणीकरण, प्रशिक्षण, पैकहाउस स्वीकृति, ट्रेसेबिलिटी, मानकीकरण एवं तकनीकी सहायता जैसी सभी सेवाएं अब स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध होंगी. इससे समय और लागत की बचत होगी, साथ ही वैश्विक बाज़ार में बिहार के कृषि उत्पादों को बेहतर पहचान और मूल्य मिलेगा.

केला एवं पपीता उत्पादकों को विशेष लाभ

गुणवत्ता प्रमाणन: निर्यात योग्य किस्मों (जैसे ‘ग्रैंड नैन’ केला व ‘रेड लेडी’ पपीता) का वैश्विक मानकों के अनुरूप उत्पादन संभव होगा.

प्रसंस्करण एवं पैकिंग में सुविधा: पैकहाउस प्रमाणन अब राज्य से ही संभव, जिससे बर्बादी कम और मूल्यवर्धन अधिक होगा.

एफपीओ सशक्तिकरण: स्थानीय एफपीओ को एपीडा से सीधे जोड़ा जाएगा जिससे वे निर्यात योग्य आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बन सकें.

प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन: RPCAU, पूसा एवं BAU, सबौर जैसे कृषि विश्वविद्यालय किसानों को उत्पादन से लेकर निर्यात तक तकनीकी मार्गदर्शन देंगे.

उल्लेखनीय है कि बिहार शाही लीची (71%), मखाना (85%), मक्का और सब्ज़ी उत्पादन में अग्रणी राज्य होने के बावजूद, प्रमाणन एवं तकनीकी सहायता की कमी के कारण निर्यात में पीछे रहा है. वर्ष 2023 में बिहार का कृषि निर्यात मात्र 17.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा जबकि इसकी क्षमता कहीं अधिक है.

अब जब एपीडा कार्यालय की स्थापना हो रही है, तो आने वाले वर्षों में बिहार राष्ट्रीय कृषि निर्यात मानचित्र पर एक प्रमुख राज्य के रूप में उभरेगा. यह पहल प्रधानमंत्री के "डबल इनकम" विज़न को साकार करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है.

English Summary: Banana papaya fruit farmers benefit apeda regional office bihar Agriculture News
Published on: 01 August 2025, 12:07 IST

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