Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 21 April, 2023 12:00 AM IST
बाग लगाने की मिलेगी जानकारी और सब्सिडी सुविधा

देश के किसानों की हर एक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार (Indian Government) अपनी योजनाओं के चलते उनकी मदद करती रहती है. इसी कड़ी में सरकार ने किसानों को बाग लगाने पर बेहतर सब्सिडी उपलब्ध करवाने का फैसला लिया है. दरअसल, सरकार बाग के लिए 70 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आम लोगों सहित किसानों को बागवानी (Gardening) के बारे में जानने के लिए, 30 जून, 2023 तक हरियाणा के विभिन्न गांवों और ब्लॉकों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जाने हैं. ये जागरूकता शिविर बाग लगाने, सब्जी को अधिकतम करने के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से लगाए जा रहे हैं. क्योंकि यहां पाया गया है कि इस आधुनिक समय में भी कई लोगों को बाग से संबंधित कुछ ही जानकारी प्राप्त होती हैं, जिसके चलते वह न तो अच्छी उपज प्राप्त कर पाते हैं और न ही अच्छा लाभ प्राप्त कर पाते हैं. इसी परेशानी को हल करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है.

जलवायु के अनुकूल लगेंगे वृक्ष

बताया जा रहा है कि जिले की जलवायु के अनुरूप खजूर, बेर, अनार आदि फलदार वृक्ष (Fruit Trees) वर्षा ऋतु में लगाये जा सकते हैं. इसी कड़ी में सरकार प्रति एकड़ नए बागानों के क्षेत्र का विस्तार करने के लिए 50 से 70 प्रतिशत तक अनुदान की पेशकश करेगी. ध्यान रहे कि यह अनुदान फलदार पौधों के हिसाब से तीन साल तक दिया जाएगा.

बाग लगाते समय निम्न बातों का जरूर रखें ध्यान

बाग लगाने के लिए किसान भाइयों को दोमट मिट्टी और गहरी जल निकासी वाली उपजाऊ भूमि का चुनाव करना चाहिए. फलों के पेड़ लगाने के लिए मिट्टी का नमूना 2 मीटर की गहराई तक लें. यह फलदार पौधों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सतह के नीचे की मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा आवश्यक होती है. इसलिए, रोपण से पहले मिट्टी का परीक्षण (Soil Test) करना बेहद जरूरी है.  

अलग-अलग गहराई जैसे 15 सेमी, 35 सेमी, 50 सेमी, 90 सेमी और 120-130 सेमी से मिट्टी के नमूने एकत्र कर उनकी जांच कराते हैं. नमूना एकत्र करते समय, आप कंकड़ की परत की मोटाई और गहराई को ध्यान में रखें और इसे अलग रखें. प्रत्येक नमूने को साफ दोनों थैलियों में अलग-अलग रखें. इसके बाद मृदा परीक्षण करवाएं. जो आप कृषि विज्ञान केंद्र की महेंद्रगढ़ मृदा परीक्षण प्रयोगशाला या चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मृदा विभाग में करवा सकते हैं.

रोपण का समय (Planting Time)

जलवायु को ध्यान में रखते हुए जनवरी, फरवरी, अगस्त और अक्टूबर को बाग रोपण के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है. इसलिए, ये महीने रोपण के लिए सबसे उपयुक्त समय हो सकते हैं.

जल परीक्षण (Water Test)

पानी की कमी के कारण अक्सर किसान कुएं के पानी का उपयोग सिंचाई के लिए करते हैं. तो आपको कुएं की मोटर चलाने के बाद 1 लीटर पानी भरना होगा और परीक्षण के लिए भेजना होगा.

गड्ढा खोदना   

पौधारोपण से पहले भूमि को ठीक से तैयार कर लें. गड्ढा खोदने के लिए आप ट्रैक्टर चालित डिगर का उपयोग कर सकते हैं. यह आपको लगभग तीन फीट लंबी और तीन फीट चौड़ी खुदाई करने में मदद करता है.

पौधों का चुनाव  (Plant Selection)

अपनी नजदीकी किसी भी नर्सरी में जाकर रोगमुक्त और अच्छे पौधों का चुनाव करें. लेकिन ध्यान रहे कि पौधे 2 वर्ष से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए.

English Summary: 50 to 70% subsidy will be given on plantation, awareness camps will be organized in different areas
Published on: 21 April 2023, 05:09 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now