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Updated on: 11 February, 2022 12:00 AM IST
तीतर पक्षी पालन का व्यवसाय एक बेहतर विकल्प

अगर आप गांव में रहकर कोई बेहतरीन और कम खर्च में एक अच्छा बिजनेस शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपके लिए तीतर पक्षी पालन का व्यवसाय एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. इस लेख में आप तीतर पक्षी पालन से जुड़ी सभी जानकारी को विस्तार से जानेंगे. 

गौरतलब है कि तीतर पक्षी पालन का बिजनेस आज से समय में तेजी से लोगों को अपनी और आकर्षित कर रहा है.इस व्यवसाय को अपने घर के छोटे से हिस्से से भी शुरू कर सकते हैं. इसकी शुरुआत आप 5 से 6 तीतर पक्षी पालकर भी आसानी से कर सकते हैं. आपको सिर्फ कुछ ही तीतर पक्षी की शुरुआत कर एक बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.

ऐसे करें तीतर पक्षी पालन (Do pheasant rearing like this)

तीतर पक्षी पालन करने से पहले आपको उसने जुड़ी कुछ विशेष बातों का बेहद ध्यान रखा होगा. जैसे की उनके लिए फीड यानी की भोजन का ख्याल समय-समय पर उन्हें भरपूर मात्रा में पोषण प्राप्त हो। क्योंकि इसी आधार पर मादा तीतर अंडे देती है. एक मादा तीतर की अंडा सेने की अवधि लगभग 28 दिन की होती है. इसके अलावा एक मादा तीतर 10-15 अंडे एक साथ देती है. अगर स्वस्थ मादा का स्वास्थ्य अंडा होगा तो उतनी ही स्वस्थ और सेहतमंद पक्षी होंगे.

आपको बता दें कि स्वास्थ्य अंड़ा की प्रक्रिया कृत्रिम तरीके से भी होती है, लेकिन इसके लिए इनक्यूबेटर का उपयोग किया जाता है. तीतर के चूजे अंडे से निकलने के बाद इनका ध्यान व पालन-पोषण बहुत ही सावधानी से रखना होता है, क्योंकि तीतर पक्षी के चूजे की मौत सबसे अधिक भुखमरी के कारण होती है, इसलिए इनके खाने और दाना-पानी का बेहद ध्यान रखना होता है.

बाजार में छोटे तीतर चूजों की मांग (Demand for small pheasant chicks in the market)

बाजार में छोटे तीतर चूजों की मांग सबसे अधिक होती है, क्योंकि इनके मांस में बच्चों के लिए भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है और चूजे सेहतमंद भी होते है, इसलिए चूजों की बेहतर वृद्धि के लिए उन्हें खाने में दूध और अंडे दिए जाते है.

बता दें कि तीतर की अच्छी सफाई कर्मी माने जाते हैं, क्योंकि यह घर व घर की रसोई से निकलने वाले छोटे कीड़ों, केंचुओं और दीमकों को खा जाते हैं. इस सब चूजों के लिए प्रोटीन का एक बेहतर स्रोत होते हैं.

पोषकता से भरपूर तीतर अंडा (nutrient rich pheasant egg)

जैसे कि हमें आपको पहले ही बताया की मादा तीतर की अंडे देने की क्षमता दर अधिक होती है. एक मादा तीतर 30 हफ्ते में अंडे देने शुरू कर देती है और फिर पहली बार अंडे देने के 24 हफ्ते बाद उत्पादन शुरू हो जाता है. तीतर को सही तरह से आहार देकर अंडों की क्षमता दर को बढ़ाया जा सकता है. इसके अंडे रंगीन होते है और इसका वजन लगभग 85 ग्राम होता है. इनके अंडों में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट और मिनरल प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं. प्रति ग्राम जर्दी में 15-23 मिलीग्राम तक कोलेस्ट्रॉल होता है.

बाजार में मांस से कमाई (Earning from meat in the market)

अगर चिकन का मांस खाते हैं, तो आपको पता होगा की चिकन का मांस बहुत भारी होता है, लेकिन तीतर व इनके चूजों का मांस बहुत ही पतला होता है. इसलिए बाजार में इनके मांस की माग अधिक है.

इसके मांस प्रति 100 ग्राम में 24 परसेंट प्रोटीन, 6 परसेंट वसा और 162 कैलोरी ऊर्जा पाई जाती है, साथ ही इसके मांस में पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, लौह पदार्थ, सेलेनियम, जिंक और सोडियम भी पाया जाता है. इसके अलावा इसमें विटामिन बी6, बी12 होता है.

अगर हम बात करें, कमाई की तो तीतर पक्षी में 10-20 किलो को बाजार में लगभग 300 से 500 रुपए तक आराम से बेच सकते है.

English Summary: Quail Rearing, Make profit at low cost with Teetar Rearing
Published on: 11 February 2022, 04:29 IST

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