नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 21 April, 2020 12:00 AM IST

लॉकडाउन के कारण हर क्षेत्र को भारी नुकसान हो रहा है. लेकिन इस समय सबसे बड़ी समस्या पशुपालकों को हो रही है. लॉकडाउन के कारण एक तरफ जहां सूखे चारे के भाव आसमान चढ़ गए हैं, वहीं दूध की मांग में भी भारी कमी आई है. ऐसे में पशुओं को पालने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

आहार बनी मुख्य समस्या

संकट की इस सबसे बड़ी घड़ी में जो किसान पूरे देश का पेट भर रहे हैं, किसी को भी भूखा नहीं मरने दे रहे, आज उन्हें खुद भूख की समस्या सताने लगी है. लॉकडाउन में चारा परिवहन की अनुमति तो दी गई है, लेकिन पशु आहार की दुकानें बंद है, ऐसे में पशुपालकों को अपने पशुओं के भूखा रहने का भय सता रहा है.

दूध की बिक्री में आई कमी

आहार के अलावा इस समय दूध की बिक्री में भारी कमी आई है. सभी तरह की मिठाई की दुकाने बंद है, ऐसे में छोटे और मंझोले पशुपालकों की हालत बेहाल हो गई है. इस समय फसल कटाई के बाद मंडी में भी उसकी बिक्री नहीं हो रही कि दो पैसा कहीं और से भी आ सके. कुल मिलाकर कहा जाए, तो लॉकडाउन में किसान चारों तरफ से संकट से घिर चुके हैं.

दो गुना महंगा हुआ चारा

पशुपालकों के मुताबिक इस समय सुखे चारे के भाव आसमान पर जा चुके हैं. कुछ समय पहले तक 280 रुपये तक मण मिल जाता था, लेकिन अब उसके भाव 600 रुपये तक हो गए हैं. इसी तरह जो पशु आहार 3200 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहे थे, अब वो 4800 रुपये प्रति क्विंटल में मिल रहा है.

खल भी हुआ महंगा

लॉकडाउन के कारण 2400 रुपये प्रति क्विंटल मिलने वाला खल भी अब 4400 रुपये प्रति क्विंटल में बिक रहा है. बता दें कि राज्य और केंद्र सरकार इस समय किसानों को राहत देने के लिए कई तरह के कदम उठा रही है, लेकिन अभी तक कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया है. इस समय पशुपालकों की सरकार से विशेष मांग है कि सूखे चारे और पशु आहार के लिए भी कोई राहतभरा पैकेज दिया जाए या इनकी बढ़ते हुए दामों पर नकेल कसी जाएं.  

English Summary: price hike of cattle food during lockdown demand of milk also decrease fa
Published on: 21 April 2020, 10:48 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now