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Updated on: 21 April, 2020 12:00 AM IST

लॉकडाउन के कारण हर क्षेत्र को भारी नुकसान हो रहा है. लेकिन इस समय सबसे बड़ी समस्या पशुपालकों को हो रही है. लॉकडाउन के कारण एक तरफ जहां सूखे चारे के भाव आसमान चढ़ गए हैं, वहीं दूध की मांग में भी भारी कमी आई है. ऐसे में पशुओं को पालने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

आहार बनी मुख्य समस्या

संकट की इस सबसे बड़ी घड़ी में जो किसान पूरे देश का पेट भर रहे हैं, किसी को भी भूखा नहीं मरने दे रहे, आज उन्हें खुद भूख की समस्या सताने लगी है. लॉकडाउन में चारा परिवहन की अनुमति तो दी गई है, लेकिन पशु आहार की दुकानें बंद है, ऐसे में पशुपालकों को अपने पशुओं के भूखा रहने का भय सता रहा है.

दूध की बिक्री में आई कमी

आहार के अलावा इस समय दूध की बिक्री में भारी कमी आई है. सभी तरह की मिठाई की दुकाने बंद है, ऐसे में छोटे और मंझोले पशुपालकों की हालत बेहाल हो गई है. इस समय फसल कटाई के बाद मंडी में भी उसकी बिक्री नहीं हो रही कि दो पैसा कहीं और से भी आ सके. कुल मिलाकर कहा जाए, तो लॉकडाउन में किसान चारों तरफ से संकट से घिर चुके हैं.

दो गुना महंगा हुआ चारा

पशुपालकों के मुताबिक इस समय सुखे चारे के भाव आसमान पर जा चुके हैं. कुछ समय पहले तक 280 रुपये तक मण मिल जाता था, लेकिन अब उसके भाव 600 रुपये तक हो गए हैं. इसी तरह जो पशु आहार 3200 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहे थे, अब वो 4800 रुपये प्रति क्विंटल में मिल रहा है.

खल भी हुआ महंगा

लॉकडाउन के कारण 2400 रुपये प्रति क्विंटल मिलने वाला खल भी अब 4400 रुपये प्रति क्विंटल में बिक रहा है. बता दें कि राज्य और केंद्र सरकार इस समय किसानों को राहत देने के लिए कई तरह के कदम उठा रही है, लेकिन अभी तक कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया है. इस समय पशुपालकों की सरकार से विशेष मांग है कि सूखे चारे और पशु आहार के लिए भी कोई राहतभरा पैकेज दिया जाए या इनकी बढ़ते हुए दामों पर नकेल कसी जाएं.  

English Summary: price hike of cattle food during lockdown demand of milk also decrease fa
Published on: 21 April 2020, 10:48 IST

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