75 एचपी रेंज में सबसे ताकतवर ट्रैक्टर, जो है किसानों की पहली पसंद हल्दी की खेती ने बदली इस किसान की किस्मत, आज है लाखों में कारोबार PMFBY: फसल खराब पर देश के कई किसानों को मिलता है मुआवजा, इस नंबर पर करें शिकायत खेती के लिए 32 एचपी में सबसे पावरफुल ट्रैक्टर, जानिए फीचर्स और कीमत एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 15 February, 2024 12:00 AM IST

Nagauri Bull: सफेद घोड़े जैसे खूबसूरत और अपनी कद-काठी लिए मशहूर नागौरी नस्ल के बैल यूं तो कुछ सालों पहले तक खेतों की शान हुआ करते थे. लेकिन, अब इन्हें खेतों की जगह दौड़ में ज्यादा देखा जा रहा है. पिछले कुछ सालों में खेती में इनका इस्तेमाल न के बराबर रह गया है. जिस वजह से पशुपालक अब इन्हें दौड़ की तैयारी करवा रहे हैं. पंजाब और हरियाणा में होने वाली बैलों की दौड़ में नागौरी बैलों को खूब दबदबा है. कहा जाता है की दौड़ की इसी नस्ल के बैलों की जीत होती है. यहां जो बैल प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आते हैं, उनकी कीमत भी 20 लाख रुपये तक पहुंच जाती है. यही वजह है की हरियाणा-पंजाब के पशुपालक नागौर में आयोजित होने वाले पशु मेलों से नागौरी नस्ल के छोटे बैल खरीदकर ले जाते हैं और फिर घी, तेल, दूध, काजू, बादाम और गुड़ खिलाकर उन्हें रेस के लिए तैयार करते हैं, ताकि उनकी धाक बनी रहे.

16.5 लाख में बिका एक बैल

नागौर के रामदेव पशु मेले में बैल खरीदने आए हरिसिंह ने बताया कि करीब ढाई साल पहले हरियाणा के जींद जिले में चार साल का एक नागौरी बैल 16.51 लाख रुपए में बिका है. पंजाब के दो व्यक्तियों ने इस बैल को खरीदा था.‘योद्धा’ नाम से विख्यात उस बैल ने 25.10 सेकेंड में 396.24 मीटर की दौड़ पूरी की. बैल ने लुधियाना के खिरनिया में आयोजित प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया था.

20 सेकेंड में जीती दौड़

जनवरी 2023 में हरियाणा के पाबड़ा गांव में आयोजित हुई प्रदेश स्तरीय बैलों की दौड़ प्रतियोगिता में रोहतक के निदाना गांव के बैलों की जोड़ी ने महज 20 सेकेंड में चार एकड़ को पार कर पहला स्थान प्राप्त किया था.दोनों ही बैल नागौरी नस्ल के थे. पशुपालक ने दौड़ के लिए बैलों को तैयार करने के लिए घी, दूध, काजू, बादाम और गुड़ खिलाया. साथ ही सुबह-सुबह एक एथलीट की तरह रोजाना बैलों को दौड़ने की प्रैक्टिस भी कराई थी.

दो लाख में मिल रहे बछड़े

पिछले साल मेले में खरनाल के प्रेमसुख जाजड़ा ने दो बछड़े 77 हजार रुपये में खरीदे थे, और आज वह दो लाख रुपये मांग रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे साल भर उन्हें रोजाना दूध और अच्छी खुराक देते रहे हैं और मेले से दो महीने पहले तेल और गुड़ खिलाकर तैयार कर लिया था. इस साल मेले में बछड़ों की कीमत दो लाख तक पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि वह अपने बछड़े ढाई लाख से कम में नहीं बेचेंगे.

नागौरी बैलों की खासियत

इनके सींगों की बात करें तो ये छोटे व गुड़े हुए होते हैं. आंखें हिरण जैसी और मुंह छोटा तथा त्वचा मुलायम होती है. इसी तरह गर्दन चुस्त और पतली होती है. जबकि, कान छोटे व बराबर होते हैं. इनकी सुनने की क्षमता तेज होती है. इनका आगे का सीना मजबूत व चौड़ा होता है. जबकि, पुठ्ठा घोड़े की तरह गोल. इनकी टांगों की बात करें तो ये पतली व मजबूत, जबकि पूंछ पतली और घुटने से लंबी होती है.

English Summary: Nagauri bull cost more than 16 lakhs best bull for bull racing
Published on: 15 February 2024, 05:50 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now