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Updated on: 28 March, 2020 12:00 AM IST

कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की जा चुकी है. इस घोषणा के बाद से ही आपात सेवाओं को छोड़कर सभी दफ्तर, दुकानें और उद्योग संबंधी काम बंद हैं. सबसे अधिक परेशानी दिहाड़ी मजदूरों और कामगार वर्ग को हो रही है. वहीं जानवरों के लिए आहार की कमी की समस्या भी उत्पन्न हो गई है.

इस समय कई क्षेत्रों से पशुपालकों को चारे की किल्लत हो रही है. पटना में 'लालू खटाल' भी इसी समस्या से जूझ रहा है. यहां लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही जानवरों को भूखा-प्यासा रहना पड़ रहा है.

1994 में बनी थी लालू खटाल
लालू खटाल को 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने बनवाया था. इस वक्त इस खटाल में 600 से भी अधिक गायों को रखा गया. इस खटाल से हर दिन तकरीबन 1 लाख लीटर दूध प्राप्त हो जाता है. लॉकडाउन के कारण आवाजाही पर रोक है, जिस कारण पशुओं के आहार की समस्या उत्पन्न हो गई है.

लॉकडाउन में बढ़े चारे के दाम
एक तरफ जहां यातायात बंद होने के कारण चारे की कमी हो गई है. वहीं लॉकडाउन में इसके दाम भी सातवें आसमान पर चले गए हैं. पशुओं के लिए जो आहार 8 रुपये किलो बिकता था, अब वह 40 रुपये किलो बिक रहा है. ऐसे में पशुपालकों को अपने स्तर पर कुछ जुगाड़ करना पड़ रहा है. पटना में पशु आहार की सप्लाई पर भी पाबंदी है.

प्रभावित हो सकता है दूध उत्पादन
पशुओं को अगर उचित आहार नहीं मिला तो इसका सीधा प्रभाव दूध उत्पादन पर पड़ेगा. इस समय दूध को लेकर लोगों में होड़ लगी हुई है और सरकार के प्रयास के बाद भी शाम होने तक बाजार में दूध कम पड़ जा रहा है. ऐसे में पशुओं को उचित आहार मिलना चाहिए, जिससे दूध के उत्पादन को बढ़ाया जा सके.

बाजार में बढ़ी दूध की मांग
लॉकडाउन के दौरान अचानक ही दूध की मांग में बढ़त देखी जा रही है. लोग घरों में इसे जमा करने में लगे हुए हैं. दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में तो अक्सर दूध शाम तक समाप्त हो जा रहा है, जिस कारण लोगों को परेशानी हो रही है.पशुपालकों के मुताबिक दूध की ढुलाई या सप्लाई पर तो कोई मनाही नहीं है, लेकिन पशुओं के लिए चारा लाते समय उन्हें परेशानी होती है.

English Summary: lack of cattle feed during lockdown know more about it
Published on: 28 March 2020, 05:39 IST

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