देशभर में मौसम ने ली करवट! यूपी-बिहार में अब भी बारिश का अलर्ट, 18 सितंबर तक झमाझम का अनुमान, पढ़ें पूरा अपडेट सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 24 June, 2019 12:00 AM IST

इस मौसम में पशुपालकों को कई तरीके की परेशानी सामने कड़ी हो जाती है. पशुओं को कई तरीके की बीमारियां होजाती है, जिससे पशु ठीक से आहार नहीं खा पाता है. इसलिए पशुओं के लिए आहार प्रबंधन आवश्यक है.  मध्य प्रदेश में  सी.आर.डी.ई. कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियां द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र प्रक्षेत्र पर विस्तार कार्यकर्ताओं के लिए’’ पशुओं में आहार प्रबन्धन‘’ विषय पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया. कार्यक्रम में 25 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को संतुलित आहार प्रबन्धन तथा पशुओं पर इसके सकारात्मक प्रभाव को बताना था.

संदीप टोडवाल, प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनिया का कहना है कि उनके  द्वारा आयोजित इस  प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य एवं पशुपालन में आहार के महत्व पर चर्चा की गई. कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक  डॉ. विमलेश कुमार द्वारा  संतुलित आहार किसे कहते है एवं उसके लाभ, पशु की अवस्था एवं उत्पादन के अनुसार आहार की मात्रा, पशु आहार में हरे चारे एवं खनिज मिश्रण का महत्व आदि विषयों पर चर्चा की गई.

वजन का 10 प्रतिशत दूध प्रतिदिन के हिसाब से पिलायें

डॉ. विमेलश कुमार ने बताया कि पशुओं के छोटे बच्चों को उनके वजन का 10 प्रतिशत दूध प्रतिदिन के हिसाब से पिलायें तथा 70 दिन तक दूध के साथ-साथ दाना एवं हरा चारा ही खिलायें. अधिक दूध उत्पादन के लिये पशु का स्वस्थ्य होना जरूरी है और संतुलित आहार खिलाने से ही यह संभव हो सकता है. पशु आहार पशु के शरीर भार एवं उसके दूध उत्पादन के अनुरूप  होना चाहियें तभी पशु को सभी जरूरी पोषक तत्व उचित मात्रा एवं निश्चित अनुपात में मिल पाते हैं. गाय को प्रति 3 किग्रा दूध पर 01 किग्रा एवं भैंस को प्रति 02 किग्रा. दूध पर 01 किग्रा. संतुलित दाना खिलायें.

गाय और भैंस को अतिरिक्त दाना खिलाए 

गाय और भैंस को  इसके अतिरिक्त शरीर निर्वाह के लिये गाय को 01 किग्रा तथा भैंस को 02 किग्रा अतिरिक्त दाना अवश्य खिलायें. उन्होनें बताया कि पशु आहार में  भी बदलाव अचानक से न करें. मात्रा को धीरे- धीरे ही बढ़ाये एवं घटायें. चारे एवं दाने के साथ- साथ स्वच्छ एवं ताजा पानी भी पशुओं को आवश्यकतानुसार (शरीर भार, दूध उत्पादन, मौसम एवं चारे के अनुसार) अवश्य पिलायें.  

English Summary: KVK Organized Workshop on Animal food Nutrition.
Published on: 24 June 2019, 03:05 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now