किसान अधिक पैसा कमाने के लिए सिर्फ खेती ही नहीं बल्कि पशुपालन भी करते हैं. देखा जाए तो कृषिकों के लिए यह एक बढ़िया व्यवसाय होता है, जो उन्हें कम समय में अच्छी कमाई करके देता है. लेकिन इस आधुनिक दौर में कई तरह की बीमारियां आने से पशुओं में हानिकारक रोग लग जाते हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होते हैं. जिसमें सबसे मुख्य रोग बांझपन का है, जो इस समय ज्यादातर पशुओं में देखने को मिल रहा है. तो आइए आज हम इस खबर के माध्यम से जानते हैं कि पशुओं में बांझपन (Infertility in Animals) के कारण और इसका निवारण क्या है...
पशुओं में बांझपन के मुख्य कारण
क्रिप्टोर्चिडिज्म (Cryptorchidism): ऐसी स्थिति में पशुओं में वृषण अंडकोष में जाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है. जिससे पशुओं में शुक्राणु नहीं बन पाते हैं. देखा जाए तो क्रिप्टोर्चिडिज्म पशुओं में कैंसर होने के खतरे को अधिक बढ़ा देता है.
फ्री मार्टिन (नपुंसकता) (Free Martin (Impotence): पशुओं में नपुंसकता जानवर के जन्म के दौरान होती है. यानि कि जब नर और मादा के रक्त का मिश्रण होता है, तो फ्री मार्टिन (नपुंसकता) होता है.
स्थायी हाइमन (ल्यूकोरिया) (Permanent hymen (leucorrhoea): जानवरों में हाइमन योनि में ऊतक का एक पतला बैंड होता है, जो सरलता से दूसरे जानवरे के संपर्क में आने से टूट जाता है, लेकिन कई केस में देखा गया है कि यह ऊतक बेहद मोटा होता है और सरलता से टूटता नहीं है. जिसे पशु में प्रजनन बाधित हो जाती है.
आकस्मिक कारण (Accidental cause): यह स्थिति पशुओं में लगी किसी यांत्रिक चोट के कारण होती है, अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो पशु बांझपन का शिकार हो सकता हैं.
पशुओं को बांझपन से बचाने के सरल उपाय
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लंबे समय तक पशुओं को गर्मी में गर्भाधान (Conception) दोहराव कराना चाहिए.
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पशु में गर्मी का पता चलते ही उसकी सही तरीके से देखभाल करें.
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पशु के जन्म होने के बाद से ही उसे उचित मात्रा में पोषण आहार देना चाहिए.
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पशु को स्वच्छ पेयजल, पर्याप्त छाया और ठंडक वाले स्थान पर रखें.
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पशु में तनाव की स्थिति न होने दें.
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समय-समय पर पशु चिकित्सक से सलाह जरूर लें. ताकि उसमें होने वाली बीमारी का समय रहते इलाज किया जा सके.