Cow and Buffalo Milk: आज के दौर में पशुपालन अच्छा व्यवसाय है. दरअसल, इस बिजनेस में किसान को नुकसान का सामना बहुत ही कम करना पड़ता है. पशुपालन के बिजनेस में अक्सर देखा गया है कि लोग गाय और भैंस से अधिक दूध प्राप्त करने के लिए टीके आदि का सहारा लेतें हैं, यह पहले कारगर तो साबित होता है लेकिन कई बार इसका प्रभाव विपरीत भी पड़ जाता है. इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए आज हम पशुपालकों के लिए पशुओं में दूध की क्षमता बढ़ाने के ऐसा रामबाण घरेलू उपाय लेकर आए है, जो गाय और भैंस का दूध/ Cow and Buffalo milk बढ़ाने में कारगर साबित हो सकता है.
जिस उपाय की हम बात कर रहे हैं, वह बहुत ही सरल है. ये ही नहीं बल्कि इस तरीके से गाय और भैंस के दूध की मात्रा में काफी अच्छे और जल्दी नतीजे देखने को मिलते हैं. ऐसे में आइए इस बेहतरीन तरीके के बारे में विस्तार से जानते हैं...
सामग्री
जिस घरेलू तरीके की हम बात कर रहे हैं, उसे घर पर बनाने के लिए आपको कई सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी. इसके लिए आपको निम्न चीजों की आवश्यकता पड़ेगी.
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250 ग्राम गेहूं दलिया
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100 ग्राम गुड शरबत (आवटी)
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50 ग्राम मेथी
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1 कच्चा नारियल
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25-25 ग्राम जीरा व अजवाइन आदि
ऐसे करें उपयोग
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सबसे पहले दलिये, मैथी व गुड़ को अच्छे से पका लें, इसके बाद उसमे नारियल को पीसकर डाल दें. फिर इसे आपको थोड़ी देर ठंडा होने देना है. ठंडा होने पर ही इसे पशु को खाने के दें.
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ध्यान रहे कि बनाई गई इस सामग्री को सिर्फ 2 महीने तक सुबह खाली पेट ही खिलाये.
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इस सामग्री को गाय को बच्चा देने से एक महीने पहले शुरू करना और बच्चा देने के एक महीने बाद तक देना चाहिए.
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25-25 ग्राम अजवाइन व जीरा गाय के ब्याने के बाद केवल 3 दिन ही देना. ऐसे करने से आपको गाय और भैंस के दूध से काफी अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं.
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ध्यान रहे कि ब्याने के 21 दिन तक गाय को सामान्य खाना ही दे.
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जब गाय का बच्चा 3 महीने का हो जाए या फिर गाय का दूध कम हो जाये तो उसे 30 gm/दिन जवस औषधि खिलाये.
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दुधारू गाय व भैंस का दूध बढ़ाने के उपाय
औषधि : दुधारू गाय व भैंस का दूध बढ़ाने के लिए आपको 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल, 250 ग्राम गेहूं का आटा लेकर दोनों को मिला दें. फिर इसे शाम के समय पशु के चारा व पानी खाने के बाद खिलायें. लेकिन ध्यान रहे कि इसे खिलाने के बाद पशु को पानी पीने के लिए और दवाई नहीं देना चाहिए. अन्यथा पशु को खांसी की समस्या हो सकती है. पशु को हरा चारा व बिनौला आदि जो खुराक देते हैं. उन्हें वह देते रहे. पशु को करीब 7 से 8 दिनों तक दवा खिलाए फिर बंद कर देनी चाहिए.