देश के ज्यादातर इलाकों में आज से मौसम का हाल बदला है. लेकिन कल यानी कि बुधवार तक महाराष्ट्र समेत कई राज्यों ने भीषण गर्मी का सामना किया. इन इलाकों में तापमान 43 डिग्री तक दर्ज किया गया. भीषण गर्मी से लोगों के साथ जानवर भी परेशान रहे. गर्मी का असर मवेशियों के दूध उत्पादन पर भी पड़ा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गर्मी के चलते इन दिनों चाहे गाय हो या भैंस 15-20 प्रतिशत कम दूध दे रहीं हैं. जिससे पशुपालकों की चिंता बढ़ गई है. क्योंकि दूध के कम उत्पादन की वजह से आमदनी में भी गिरावट आ रही है.
कम चारा खा रहे हैं मवेशी
माना जा रहा है कि भीषण गर्मी के कारण दूध देने वाले जानवर इन दिनों कम चारा खा रहे हैं. जिसकी वजह से उत्पादन में कमी आई है. ऐसे में जो लोग दूध बेचकर अपना घर चलाते हैं, उन्हें बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है. हमारे देश में खेती के साथ पशुपालन का व्यवसाय भी ज्यादातर लोगों की कमाई का जरिया है. गांव में रहने वाले लोग खेती के साथ गाय-भैंस भी पालते हैं. फिर उनका दूध निकालकर शहरों और तमाम जगहों पर बेच देते हैं. पशुपालन करने से खेती में भी बड़ी मदद मिलती है. मवेशियों का गोबर खाद बनाने में उपयोग होता है. जिससे मिट्टी की उत्पादक क्षमता बढ़ती है.
धूप से जानवरों को बचाएं
ऐसी स्थिति में मवेशियों को गर्मी से बचाना बेहद जरुरी है. इसपर डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादा तापमान व भीषण गर्मी के कारण अक्सर इस तरह की समस्याएं सामने आती हैं. इंसान से ज्यादा जानवर परेशान होते हैं. यहां तक कि गर्मी की वजह से वह सही मात्रा में चारा तक नहीं खा पाते हैं. जिसकी वजह से दूध का उत्पादन कम हो जाता है. ऐसे में पशुपालकों को अपने जानवरों को जितना हो सके धूप से बचाना है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो मवेशी कभी-कभी गर्मी से बेहोश भी हो जाएंगे.
ऐसे बढ़ेगा उत्पादन
डॉक्टर की मानें तो गर्मी में जानवरों को जितना हो सके, उतना ठंडा पानी पिलाना है. इसके अलावा, उन्हें किसी ऐसी जगह बांधना है, जहां छांव हो. वहीं, कई लोग गर्मी से बचाव के लिए पानी में भीगाकर बोरियां भी जानवरों के ऊपर डालतें हैं. यह भी उपाय मवेशियों के लिए कारगर साबित हो सकता है. इतना करने पर दूध के उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है.