Fish Farming is a Profitable Business: मछली पालन एक लाभकारी व्यवसाय बन चुका है, लेकिन इस क्षेत्र में सफलता तभी मिलती है जब मछलियां पूरी तरह से स्वस्थ हों. मछली की सेहत न केवल उसके विकास पर असर डालती है, बल्कि इससे बाजार में उसकी मांग और कीमत भी प्रभावित होती है. ऐसे में मछली पालकों के लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि मछली स्वस्थ है या नहीं.
स्वस्थ मछली की पहचान कैसे करें?
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मत्स्य निदेशालय की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, कुछ सामान्य लक्षणों के आधार पर किसी मछली के स्वस्थ होने की पहचान की जा सकती है.
- चमकदार और प्राकृतिक रंग
स्वस्थ मछलियों का रंग प्राकृतिक होता है और वह चमकदार दिखती हैं. रंग फीका या असमान दिखे तो यह बीमारी का संकेत हो सकता है.
- संगठित शरीर संरचना
मछली की पूंछ और पंख मांसपेशियों से कसकर जुड़े होते हैं. अगर पूंछ ढीली, फटी हुई या पंख सड़े हुए लगें तो यह रोग का लक्षण हो सकता है.
- कोई घाव या फोड़ा नहीं
स्वस्थ मछलियों के शरीर पर किसी प्रकार के घाव, फोड़े या सफेद धब्बे नहीं होते. यदि ऐसा कुछ दिखाई दे तो तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता होती है.
- सामान्य व्यवहार
स्वस्थ मछली सामान्य तौर पर तालाब के मध्य या गहराई में तैरती है. अगर कोई मछली बार-बार तालाब की सतह पर अपने शरीर को घसीटती हुई दिखाई दे या किनारे पर आकर तैरने लगे, तो यह बीमार होने का लक्षण हो सकता है.
- खुराक में रुचि
स्वस्थ मछलियां दी गई खुराक को तुरंत और उत्साहपूर्वक खाती हैं. यदि मछली खाना नहीं खा रही है या सुस्त दिख रही है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है.
मछली पालकों के लिए सुझाव
स्वस्थ मछलियों की पहचान करने के साथ-साथ समय-समय पर जल की गुणवत्ता की जांच, सही मात्रा में ऑक्सीजन बनाए रखना, और संतुलित आहार देना जरूरी है. यदि किसी भी प्रकार का असामान्य व्यवहार नजर आए तो तत्काल मत्स्य विभाग से संपर्क करना चाहिए. स्वस्थ मछली, मछुआरे की समृद्धि की कुंजी है. इस दिशा में थोड़ी सी सजगता बड़े लाभ का कारण बन सकती है.