सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 21 October, 2021 12:00 AM IST
Boer Goat

कम लागत और सामान्य रख-रखाव में बकरी पालन व्यवसाय गरीब किसानों के साथ-साथ बड़े किसान और खेतिहर मजदूरों के लिए आय का एक अच्छा साधन बनता जा रहा है. झारखंड, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में यह बकरियां बतौर एक्स्ट्रा इनकम के रूप में उनकी मदद करती हैं.

लेकिन अभी भी किसानों को बकरियों की सही नस्ल और पूरी जानकारी नहीं होने के चलते उससे ज्यादा लाभ नहीं कमा पा रहे हैं. आज हम बात करेंगे बकरी की एक ऐसे नस्ल की, जो विदेशों में सबसे अधिक पाली जाती है.

Boar Goat:

बोअर बकरी (Boar Goat) का जब भी जिक्र आता है, तो वह अपने वजन के बढ़ोत्तरी के लिए जानी जाती है. बोअर बकरी विदेशों में सबसे ज्यादा पाली जाने वाली नस्ल है खासकर दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूझिलंड जैसे देशों में बोअर बकरी को काफी बड़े-बड़े झुंडो में पाला जाता है. बोअर बकरी के मांस के लिए बढ़ती मांग को देखते हुए इस बकरी को भारी संख्या में पाला जाता है.

बोअर बकरिया विषेशरूप से मांस के लिए पाली जाती हैं. बोअर बकरियों की व्यावसायिक प्रजनन भी काफी सफल है, जिसका फायदा वहां के किसानों को होता है. आमतौर पर अगस्त से दिसंबर के महीने तक बोअर बकरियों का प्रजनन चलता है. बोअर बकरिया में भी मध्यम आकार की बकरियों को ही काफी पसंद किया जाता है. विदेशों में इस नस्ल की बढ़ती मांग को देखते हुए यहाँ के किसानों ने भी इस नस्ल में अपनी दिलचस्पी दिखाई है.

भारत में भी हाल के दिनों में बोअर बकरिया पालने वालो की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. भारत के महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों में बोअर बकरी ज्यादा पाई जाती हैं.  मांस के लिए पायी जाने  वाली सभी बकरियों में बोअर बकरी सबसे बड़ी बकरियों के लिस्ट में शुमार है. मांस के शौकीन लोग अक्सर इस बकरी का मांस खाना पसंद करते हैं.

वहीं बोअर बकरी की प्रजनन दर की बात करें तो बाकि बकरियों से इसकी प्रजनन क्षमता ज्यादा होती है, जिसके चलते किसानों को मुनाफा भी अधिक होता है. वयस्क Male Boar Goat का वजन लगभग 110  से 155 किलो तक का होता है और वही वयस्क Female Boar Goat  की बात करें तो इसका वजन लगभग 90 से 110  किलो के आसपास होता है. Goat Meat  यानीं बोअर बकरियों के मांस का स्वाद भी अन्य बकरियों के मांस से काफी अच्छा होता है.

बोअर बकरी की शारीरिक विशेषताएं

  • बोअर बकरी (Boar Goat) के शारीरिक विशेषताओं की बात करें तो इसका रंग सामान्यतया शरीर सफेद और गर्दन का हिस्सा हल्के भूरे रंग का होता है. वैसे ही कुछ कुछ बकरियां पूर्ण रूप से सफेद और पूर्ण रूपसे भूरे रंग की भी देखी जा सकती है.

  • Boar Goat के कान काफी लम्बे होते हैं.

  • सभी जाति के बकरियो के मुकाबले Boer Goat तेजी से बढ़नेवाली और ज्यादा मांस उत्पादन क्षमतावाली बकरियों में गिनी जाती है.

  • सभी प्रजाति के बकरियों के मुकाबले Boer Goat में अपने बच्चो के प्रति मातृत्व भावना ज्यादा होती है.

ये भी पढ़ें: कैसे करें बकरी पालन की शुरुआत

बोअर बकरी की ख़ुराक

आम बकरियों की तरह बोअर बकरी (Boer Goat)  सभी तरह की पेड़ के पत्तियों को खाती हैं. उन्हें आमतौर पर पेड़ों की हरी पत्तियां, मकई, हरि घास खाना ज्यादा पसंद होता है. इस नस्ल  के बकरियों का वजन काफी जल्दी और ज्यादा बढ़ता है.

इस वजह से इसके खुराक भी अन्य बकरियों से ज्यादा है.  इसीलिए Goat Farmer  मध्यम आकार की बकरियों को ही पालना पसंद करते हैं, क्योंकि उनका चारा भी कम लगता है.

English Summary: Earn huge profits from Boer goat farming!
Published on: 21 October 2021, 06:01 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now