Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 7 May, 2023 12:00 AM IST
गाय-भैंसों में गर्भास्य के बाहर आने की समस्या

पशुपालन के व्यापार में फायदा तो है लेकिन इसके साथ कई मुश्किलें भी उठानी पड़ती हैं. अगर जानवरों में किसी प्रकार का रोग हो जाए तो उसके लिए आर्थिक व मानसिक दोनों तरीकों से तैयार रहना होता है. चाहे गांव हो या शहर कई लोग गाय-भैंस का पालन करते हैं और उसका दूध बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं. गाय-भैंसों में गर्भाशय का बाहर आना तो आम है लेकिन ये बहुत ही गंभीर बीमारी है. इसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. तो आइएजानें यह बीमारी इन पालतू जानवरों में कैसे उत्पन्न होती है और इससे बचाव के क्या उपाय हैं.

कब बाहर आता है गर्भाशय

गाय-भैंसों का गर्भाशय ज्यादातर प्रसव के चार-पांच घंटे के भीतर बाहर निकल आता है. जिसका समय पर इलाज किया जाना जरुरी होता है. गर्भाशय के बाहर निकलने की संभावना कष्ट प्रसव के बाद ज्यादा रहती है. कहा जाता है कि इस दौरान गर्भाशय उल्टा होकर शरीर से बाहर निकल जाता है. कई बार तो जानवरों के जोर लगाने से गर्भाशय के साथ गुद्दा भी बाहर आ जाता है. जिससे उनकी परेशानी काफी बढ़ जाती है. यह तब होता है जब पशुओं में कैल्शियम की कमी, वसा का अत्यधिक जमाव और एस्ट्रोजेन हाई लेवल पर होता है. ऐसी स्थिति में पशु जब मलमूत्र के लिए जोर लगाते हैं तब गर्भाशय बाहर निकल आता है.

यह भी पढ़ें- मादा पशुओं की गर्भाशय संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथिक दवा – यूटेरोज़न

 

इस तरह करें बचाव

  • गर्भाशय के बाहर निकलते ही सबसे पहले उस पशु को दूसरे जानवरों से दूर करना जरुरी है. क्योंकि दूसरे जानवर बाहर निकले अंग को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.

  • गाय या भैंस को किसी साफ जगह पर बांधें.

  • इसके बाद, बाहर निकले अंग को किसी तौलिए या चादर में लपेटकर ढक दें ताकि उसमें किसी प्रकार संक्रमण ना फैले. फिर, उस पशु को तुरंत डॉक्टर की सलाह से दवा दें.

  • अगर पशु में केल्शियम की कमी है तो उन्हें नियमित रूप से केल्शियम देना जरुरी है.

  • वहीं, बाहर निकले गर्भाशय को जल्द ही अंदर करना अनिवार्य होता है. इसलिए डॉक्टर की मदद से बाहर निकले अंग को अंदर डालने की प्रक्रिया करें.

  • ऐसे समय में पशुओं को सूखा चारा खिलाने से भी बचें. उन्हें हरा चार या दाने में चोकर व दलिया मिलाकर दें. वहीं, इस रोग से बचाव के लिए पशु के आहार में हर रोज 50-70 ग्राम कैल्शियम युक्त खनिज लवण मिश्रण मिलायें.

  • बाहर निकले गर्भाशय में लगी गंदगी (मिट्टी, चोकर आदि) को ठण्डे पानी से धोकर साफ करें. पानी में लाल दवाई भी ऐसे मामले में अच्छा काम करेगी. लाल दवाई का उपयोग गर्भाशय को अंदर करने में भी किया जा सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि पानी में ऐसी कोई दवा नहीं डालनी है, जिससे योनि में जलन हो.

  • इसके बाद, डॉक्टर की मदद से गर्भाशय को अंदर करने की कोशिश करें. अगर समय पर उस अंग को भीतर नहीं किया गया तो जानवर को ज्यादा परेशानी हो सकती है. यहां तक कि जान का भी खतरा हो सकता है.

English Summary: Do not ignore problem of coming out uterus in cow-buffalo
Published on: 07 May 2023, 04:56 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now