पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रचुर मात्रा में प्रोटीन से युक्त आहार खिलाया जाता है. जिसमें आमतौर पर बरसीम, जाई आदि को चारे के रूप में पशुओं को खिलाया जाता है. पशुओं की दूध उत्पादन की क्षमता अच्छी होगी तो पशुपालन करने वाले किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी एवं उनकी आर्थिक स्तिथि में भी काफी इजाफा आयेगा.
इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए आज हम अपने इस लेख में एक ऐसा आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पशुओं को खिलाकर उनके दूध उत्पादन में वृद्धि होगी. साथ ही पशुओं की सेहत भी काफी स्वास्थ्य रहेगी.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं दशरथ घास की. जिसका वैज्ञानिक नाम डेसमेन्थस है. इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. जो की पशुओं के लिए बेहद ही लाभदायी आहार माना जाता है. दुधारू गाय, भैंस और बकरी आदि के लिए दशरथ घास बहुत अधिक पौष्टिक माना जाता है. इस तरह के चारे को किसान अपने पशुओं को खिलाकर अधिक समय तक दूध प्राप्त कर सकते है. बता दें दशरथ घास की खेती सूखे क्षेत्रीं में की जाती है. इसकी खेती से किसान भाई हर साल 30 – 50 टन प्रति हेक्टेयर फसल प्राप्त कर सकते हैं.
दशरथ घास है पशुओं के लिए लाभकारी (Dasaratha Grass Is Beneficial For Animals)
दशरथ घास में प्रोटीन की मात्रा काफी अधिक पायी जाती है इसके साथ ही इसमें कैल्शियम और फॉस्फोरस की मात्रा भी अधिक पायी जाती है. जो की पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने में बहुत लाभदायी होता है.
इस खबर को भी पढ़ें - लोन लेकर शुरू करें पशु आहार बनाने का बिजनेस, हर महीने होगी 2 लाख रुपए की कमाई.
बता दें पशुपालन के क्षेत्र में पशुओं में दूध उत्पादन को बढाने के लिए अन्य देशों से कई प्रकार की चारा फसलों की प्रजातियाँ को भारत में लाया गया है उन्हीं में से एक है दसरथ घास जो की 1976 में थाईलैंड से भारत में लायी गई है.
कृषि वैज्ञानिकों की शोध के अनुससार ऐसा माना जा रहा है कि यह चारा फसल पशुओं के स्वस्थ्य के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है. इसलिए सभी पशुपालन करने वाले किसान भाई अपने पशुओं के पौष्टिक आहार के लिए इस चारा का इस्तेमाल जरुर करें.