भारत की आधी आबादी यानि महिलाओं के हित में सरकार के स्तर पर कई पहल की जाती रही हैं. राज्य सरकारों का भी इस दिशा में सहयोग देखने को मिलता है. देश के कई राज्यों में महिलाओं के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं. उत्तरप्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए ऐसी ही कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना भी इन्हीं योजनाओं में से एक है.
इस योजना के तहत पहले बच्चे को जन्म देने वाली महिला को गर्भवती होने पर पंजीकरण करवाना होगा. जिसके बाद से बच्चे के जन्म होने तक उसे किश्तों में छह हजार रुपये दिए जाएंगे. इस योजना के अंतर्गत कई जिलों में इसका 15,366 लाभार्थियों ने इसका लाभ उठाया है. जिसमें सरकार ने 5 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चलाई गई इस योजना में गर्भवती महिला को एक हजार रुपये की पहली किस्त गर्भावस्था के पंजीकरण के समय मिलेगी. इसकी दूसरी किस्त में छह महीने की गर्भावस्था के बाद उसे प्रसव पूर्व जांच करवाने पर दो हजार रुपये मिलेंगे. बच्चे के जन्म पंजीकरण और बीसीजीए, ओपीवीए, डीपीटी व हेपेटाइटिस बी टीकाकरण आदि शुरू होने पर तीसरी किस्त का भुक्तान किया जाएगा. यह योजना कई तरीकों से गर्भवती महिलाओं की सहायता करेगी और उन्हें और उनके बच्चे को कई तरह के लाभ भी देगी.
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क्या है योजना की खासियत
सरकार का पहला उद्देश्य काम करने वाली गरीब महिलाओं की मजदूरी के नुकसान को पूरा करने के लिए मुआवजा देना व उनको सही तरीके से आराम और पोषण को सुनिश्चित करना है.
योजना का दूसरा उद्देश्य गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार करने और नकद धनराशि के माध्यम से उन्हें सही तरीके से पोषण दिलाना है. इस योजना के द्वारा गर्भवती महिला के स्वास्थ्य की नि:शुल्क जांच की जाएगी जिससे गर्भवती महिला एवं शिशु की सही समय पर जांच होगी ताकि गंभीर बीमारियों के खतरे से दोनों बच सकें. जिससे माता व बच्चा दोनों ही सुरक्षित रहेंगे. इस योजना के लिए पंजीकरण करवाने पर गर्भवती महिला की जांच चिकित्सा केंद्र, अस्पतालों, निजी क्लीनिक एवं सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क की जाएगी. इस योजना का लाभ पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को ही दिया जाता है. जिससे इसके द्वारा मिली राशि सीधे लाभार्थी के खाते में जाएगी.