Solar Pump Yojana: गर्मियों का मौसम अब शुरू हो चुका है. गर्मियों के दौरान अकसर किसानों को पानी की किल्लत की समस्या पेश आती है. जिसका असर सीधा खेती पर पड़ता है. ऐसे में पानी की किल्लत से बचने के लिए किसानों को समय रहते इंतजाम कर लेने चाहिए. गर्मियों के दौरान किसानों को पानी की किल्लत न हो, इसके लिए राजस्थान की भजनलाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने पीएम कुसुम योजना के तहत राज्य के किसानों को कम कीमत पर सोलर पंप उपलब्ध कराने का फैसला लिया है. इससे किसानों को डबल फायदा होगा. पहल ये की उन्हें बिजली की उपलब्धता पर निर्भर नही रहना पड़ेगा. वहीं, भारी सब्सिडी के चलते किसानों पर आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा. इसके लिए सरकार ने 50 हजार किसानों से आवेदन मांगे हैं.
बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के आतिथ्य में पीएम कुसुम (PM Kusam Yojana) सौर पम्प संयंत्र स्वीकृति-पत्र वितरण समारोह का भी आयोजन किया जाएगा. समारोह में लगभग 500 किसानों को राज्य कृषि प्रबंध संस्थान में आमंत्रित किया गया है, जिन्हें मुख्यमंत्री और कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल द्वारा स्वीकृति-पत्र प्रदान किये जाएंगे.
सोलर पंप पर कितनी मिलेगी सब्सिडी
किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की उपलब्धता पर निर्भर न रहना पड़े, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार किसानों को सोलर पंप लगवाने पर भारी सब्सिडी प्रदान कर रही है. किसान 60 प्रतिशत सब्सिडी पर आसानी से अपने खेतों में सोलर पंप लगवा पाएंगे. इसके अलावा, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए राज्य मद से अतिरिक्त 45 हजार रुपये प्रति किसान अनुदान भी दिया जाएगा.
50 हजार किसानों को मिलेंगे सोलर पंप
सोलर पम्प के लिए लगभग 50 हजार किसानों मंजूरी दी गई है, जिस पर 1830 करोड़ रुपये खर्च होगा, जिसमें से 908 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में किसानों को दिए जाएंगे. सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से लगभग 200 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते है, तो क्षेत्रीय कृषि अधिकारी से संपर्क करें.
बता दें कि भारत सरकार की इस पहल का ही परिणाम है कि प्रदेश के किसान कृषि विद्युत कनेक्शन, डीजल चलित संयंत्रों और अन्य वैकल्पिक साधनों पर निर्भर रहने के बजाय सौर पम्प (Solar Pump) लगाने के लिए प्रेरित हो रहे है. सौर पम्पों का खेतों में सिंचाई के लिए उपयोग होने से किसानों की बिजली पर निर्भरता कम हुई है, साथ ही ग्रीन एनर्जी के रूप में सोलर पावर के उपयोग को भी बढ़ावा मिल रहा है.