Success Story: एवोकाडो की खेती से भोपाल का यह युवा किसान कमा रहा शानदार मुनाफा, सालाना आमदनी 1 करोड़ रुपये से अधिक! NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 15 January, 2024 12:00 AM IST
'छत पर बागवानी योजना'/Roof Top Gardening Scheme

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास इतना समय नहीं होता है कि वह खेत में जाकर बागवानी कर सकें. इसलिए ज्यादातर लोग अपने घरों की छत पर या फिर छोटी सी ही जगह पर ही बागवानी करते हैं. इन्हीं लोगों के लिए सरकार ने अब एक पहल की शुरूआत की है. जिनके पास बागवानी करने के लिए प्राप्त जमीन नहीं है और वह अपने घर की छत पर ही बागवानी करते हैं, तो ऐसे लोगों को बिहार सरकार की तरफ से बेहतर सब्सिडी दी जा रही है. यह सब्सिडी छत पर जैविक फल, फूल और सब्जी पर दी जा रही है.

बता दें कि लोगों को यह सब्सिडी 'छत पर बागवानी योजना'/Roof Top Gardening Scheme के तहत दी जाएगी, जिसमें लोगों को घर की छत पर उगाएं जैविक फल, फूल और सब्जी आदि के लिए 37,500 रुपये तक की आर्थिक मदद प्राप्त होगी. ऐसे में आइए सरकार की इस बेहतरीन योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं-

इन शहरी में रहने वाले लोगों को मिलेगा लाभ

सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में बागवानी को बढ़ावा देना है. इस योजना का लाभ पटना, गया मुजफ्फरपुर और भागलपुर में रहने वाले लोगों को दी जाएगा. इन शहरों में बागवानी करने वाले लोगों को सरकार की तरफ से लगभग 75 प्रतिशत तक सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध  करवाई जा रही है. इसके लिए मकान की छत पर 300 वर्ग फीट तक खुली होनी चाहिए.

कृषि विभाग बिहार के द्वारा जारी की गई सूचना के मुताबिक, फार्मिंग बेड प्रति इकाई (300 वर्ग फीट) का कुल लागत करीब 50,000 रुपये है. इस तरह से इसपर अनुदान 37,500 रुपये और शेष 12,500 रुपये तक लाभार्थी द्वारा देय होगे.

इसके अलावा छत बागवानी योजना के तहत गमले की योजना का इकाई लागत 10,000 रुपये है. इसपर अनुदान 7,500 रुपये  और शेष 2,500 रुपये तक का लाभार्थी द्वारा देय होगे. इसमें अधिकतम 5 इकाई का लाभ किसी भी आवेदक द्वारा लिया जा सकेगा. इस योजना का लाभ किसी भी संस्थान को नहीं दिया जाएगा.

इन पौधों पर भी मिलेगी सब्सिडी

आप चाहे तो अपनी छत पर फार्मिंग बेड और गमले में लगने वाले पौधे भी लगा सकते हैं. दरअसल, इन पौधों पर भी बिहार सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाएगी. फार्मिंग बेड और गमले में लगने वाले पौधे कुछ इस प्रकार से हैं-

फार्मिंग बेड अंतर्गत लगने वाले पौधे

  • सब्जी: बैंगन, टमाटर, मिर्च, गोभी, गाजर, मूली, भिंडी, पत्तेदार सब्जी, कद्दू आदि.

  • फल: अमरुद, कागजी नींबू, पपीता (रेड लेडी), आम (आम्रपाली), अनार, अंजीर आदि.

  • औषधीय पौधे: धृत कुमारी, करी पत्ता, वसाका, लेमन ग्रास और अश्र्वगंधा आदि.

गमले में लगने वाले पौधे

  • 10 inch वाले पौधें: तुलसी, अव्श्रगंधा, एलोवेरा, स्टीविया, पुदीना आदि.

  • 12 inch वाले पौधें: स्नेक प्लांट डकॉन, मनी, गुलाब, चांदनी आदि.

  • 14 inch वाले पौधें: एरिका पाम, फिकस पांडा, एडेनियम, अपराजिता, करी पत्ता, भूटानी मल्लिका, स्टारलाईट फिकस, टेकोमा, अल्लामांडा, वोगनविलिया आदि.

  • 16 inch वाले पौधें: अमरुद, आम, निंबू, चीकू, केला, एप्पल बेर, रबड़ पौधा, एक्स मास, क्रोटन, मोरपंखी पौधा, उड़हुल आदि.

ये भी पढ़ें: पान की खेती करने वालों के लिए सुनहरा मौका, सरकार दे रही है सब्सिडी, ऐसे उठाएं लाभ

छत पर बागवानी योजना में ऐसे करें आवेदन

अगर आप भी सरकार की इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको उद्यान निदेशालय,कृषि विभाग,बिहार की आधिकारीक वेबसाइट पर जाकर विजिट करना होगा. जहां से आप सफलतापूर्वक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

English Summary: Roof Top Gardening Scheme Bihar government is giving 75 percent subsidy for gardening Horticulture Chhat Par Bagwani Yojana
Published on: 15 January 2024, 11:41 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now