वह व्यापारिक भवन जहां सामान का भण्डारण किया जाता है उसे मालगोदाम या भंडारग्रह (वेयरहाउस) कहते हैं. वेयरहाउस का उपयोग निर्माता, आयातक, निर्यातक, होलसेलर, यातायत व्यवसायी आदि करते हैं. यह योजना नाबार्ड वेयरहाउस स्कीम या ग्रामीण गोदाम स्कीम के नाम से भी जाने जाती है. यह योजना मुख्य रूप से किसानों को ध्यान में रख कर बनाई गई है.
क्या है ग्रामीण भंडारण योजना (What is Rural Godowns Scheme)
केंद्र सरकार द्वारा संचालित ग्रामीण भंडारण योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादो के भंडारण के लिए गोदाम निर्माण के लिए ऋण दिया जाना है. यह योजना 2001-02 में केंद्र सरकार द्वारा लाई गई थी, इसमें लोन का प्रावधान National Bank for Agriculture and Rural Development (नबार्ड) द्वारा किया जाता है. किसानों को उनकी उपज का उचित भाव मिलने तक उनकी उपज को संभालने की सुविधा कम किसानों के ही पास उपलब्ध है. अतः सरकार द्वारा ग्रामीण भंडारण योजना का निर्माण किया गया. इस योजना के तहत सरकार द्वारा भंडारण बनाने के लिए किसान को ऋण दिया जाता है और सरकार द्वारा उस ऋण पर सब्सिडी भी किसान को दी जाती है. क्योंकि, छोटे किसानों की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं होती कि वे बाजार में अनुकूल भाव मिलने तक अपनी उपज को अपने पास रख सकें. ग्रामीण गोदामों के बनने से छोटे किसानों की भंडारण क्षमता बढ़ाई जा सकती है. इससे वे अपनी उपज उस समय बेच सकते हैं जब उन्हें बाजार में अच्छा दाम मिल रहा हो और किसी प्रकार के दबाव में बिक्री करने से उन्हें बचाया जा सकेगा.
योजना का उद्देश्य (Purpose of the Scheme)
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किसानों के कृषि उत्पादों को रखने के लिए वैज्ञानिक तरीके से बनाया गया भंडारण का निर्माण करवाना.
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कृषि उत्पादों का विक्रय बाजार में हो इसके लिए ग्रेडिंग, मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण को बढ़ावा देना है.
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किसानों को विपणन ऋण की सुविधा प्रदान कर फसल कटाई के तुरंत बाद बिक्री को रोका जा सके.
योजना के लाभार्थी (Beneficiaries of the scheme)
इस योजना का लाभ किसी भी व्यक्ति,किसान/ किसानों के समूह/ उत्पादकों के समूह, साझेदारी या स्वाधिकारी फर्म्स, एनजीओ, स्वयं सहायता समूह, महासंघ, कंपनियां, आदि द्वारा लिया जा सकता है.
वेयरहाउस के आकार का निर्धारण (Determination of Warehouse/ Godown size)
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इस योजना के तहत न्यूनतम क्षमता 50 मेट्रिक टन और अधिकतम क्षमता 10 हजार मेट्रिक टन होनी चाहिए.
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पर्वतीय क्षेत्रों में 25 टन क्षमता के आकार वाले ग्रामीण गोदाम भी सब्सिडी के हकदार होंगे.
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गोदाम की ऊंचाई 4-5 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए.
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गोदाम म्युनिसिपल क्षेत्र की सीमा के बाहर होना चाहिए.
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इस योजना के अंतर्गत आवेदक कोगोदाम के लिए लाइसेंस लेना आवश्यक है तथा एक हजार टन या उससे अधिक क्षमता वाले गोदाम को केंद्रीय भंडारण निगम से मान्यता प्राप्त कराने होंगे.
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इस योजना के तहत गोदाम बनाने के लिए ऋण दिया जाएगा तथा ऋण पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी.
वेयरहाउस बनाने की शर्तें (Warehouse/ Godown conditions)
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सीपीडब्ल्यूडी/एसपीडब्ल्यूडी के वनिदेशानुसार निर्माण होना चाहिए.
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सीड़ियों के साथ ऊचा पक्का क्लेटफार्म जो चूहारोधक हो बनना चाहिए.
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पक्षियों से सुरक्षा हेतु खिड़कियॉ/रोशनदान पर जाली होनी चाहिए.
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प्रभावी फ्यूमीगेशन के लिए वायुअवरोधक दरवाजें, खिड़कियां होनी चाहिए.
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वेयरहाउस के पास सुगम पक्की सड़क, जल निकासी व्यवस्था, अग्नि शमन व्यवस्था, सामान लादने व उतारने की उचित व्यवस्था आदि होना आवश्यक है.
सब्सिडी का स्वरूप (Nature of subsidy)
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अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति उद्यमियों, इन समुदायों से सम्बद्ध सहकारी संगठनों तथा पूर्वोत्तर राज्यों या पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित मामले में परियोजना की पूंजी लागत का एक तिहाई सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा, जिसकी अधिकतम सीमा 3 करोड़ रुपये होगी.
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सभी श्रेणी के किसानों, कृषि स्नातकों और सहकारी संगठनों को पूंजी लागत का 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी जिसकी अधिकतम सीमा 2.25 करोड़ रुपये होगी.
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अन्य सभी श्रेणियों के व्यक्तियों, कंपनियों और निगमों आदि को परियोजना लागत का 15 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 1.35 करोड़ रुपये होगी.
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वाणिज्यिक/सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा सब्सिडी नाबार्ड के जरिए जारी की जाती है. यह राशि बैंक के सब्सिडी रिजर्व निधि खाते में रखी जाएगी और कर से मुक्त होगी.
सम्पर्क सूत्र (For contact)
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इस योजना से संबन्धित अधिक जानकारी के लिए नाबार्ड https://bit.ly/33ZnUlV की वेबसाइट देख सकते है. या
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विपणन और निरीक्षण निदेशालय से सम्पर्क किया जा सकता है. दूरभाष: - 0129-2434348 या ई-मेल: - rgs-agri@nic.in
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राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) से सम्पर्क किया जा सकता है- दूरभाष: 022-26539350 या ई-मेल: icd@nabard.org
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राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) से सम्पर्क किया जा सकता है- दूरभाष: - 011-26565170 या ई-मेल: - nksuri@ncdc.in