प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य मात्स्यिकी क्षेत्र का समग्र विकास करना है. इस योजना का मुख्य लक्ष्य मछली पालन से जुड़े लोगों, विशेषकर महिलाओं और वंचित समूहों (मार्जिनलाइज्ड) को सशक्त बनाना है. योजना के तहत महिलाओं को विशेष वित्तीय सहायता और अन्य संसाधन प्रदान किए जा रहे हैं ताकि उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हो सके.
योजना के तहत महिलाओं को 60% वित्तीय सहायता
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत महिला लाभार्थियों को 60% तक की वित्तीय सहायता दी जाती है. यह सहायता विभिन्न गतिविधियों के लिए उपलब्ध है जैसे:
- फिश फार्मिंग (मछली पालन)
- हैचरी निर्माण (मछली के अंडों से मछली तैयार करना)
- सी वीड फार्मिंग (समुद्री घास की खेती)
- बाइवाल्व कल्टीवेशन (शेलफिश की खेती)
- ओर्नामेंटल फिशरीज (सजावटी मछली पालन)
- फिश प्रोसेसिंग और मार्केटिंग
इन गतिविधियों की मदद से महिलाएं मछली उत्पादन से लेकर बिक्री और प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) तक मात्स्यिकी मूल्य श्रृंखला में भाग ले सकती हैं.
महिला लाभार्थियों की संख्या और परियोजनाएं
साल 2020-21 से 2024-25 तक इस योजना के अंतर्गत कुल 3049.91 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई. 56,850 महिलाएं इस योजना का लाभ ले चुकी हैं. तमिलनाडु राज्य में विशेष रूप से 11,642 महिलाएं लाभार्थी बनी हैं. वही, तमिलनाडु में सी वीड फार्मिंग को मिशन मोड में बढ़ावा दिया जा रहा है. इस पहल से छोटे मछुआरों, खासकर महिला मछुआरा परिवारों को आय और कल्याण के लाभ मिल रहे हैं.
महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और उद्यमिता विकास
- PMMSY योजना के तहत महिलाओं को प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम भी दिए जा रहे हैं.
- राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (NFDB) ने 5,000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया है.
- NFDB महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कार्यशालाओं और स्टार्टअप कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है.
- विभिन्न संस्थानों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के माध्यम से महिला लाभार्थियों को व्यवसाय और उद्यमिता में सशक्त बनाया जा रहा है.
वित्तीय सहायता की सीमा
PMMSY योजना के तहत उद्यमी मॉडल में महिलाओं को बड़ी परियोजनाओं के लिए सहायता दी जा रही है:
- कुल परियोजना लागत का 60% तक अनुदान दिया जाता है.
- परियोजना की अधिकतम लागत: 5 करोड़ रुपये
- सब्सिडी की अधिकतम सीमा: 5 करोड़ रुपये
इस योजना से महिलाएं मछली पालन के क्षेत्र में उद्यमी (Entrepreneur) बनकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं. बता दें कि योजनाओं की निगरानी राज्य के जिला अधिकारियों द्वारा की जाती है. राज्य सरकारें योजना की प्रगति रिपोर्ट जमा करती हैं ताकि धनराशि का सही उपयोग सुनिश्चित हो सके.
महिलाओं की भागीदारी का महत्व
महिलाएं मात्स्यिकी मूल्य श्रृंखला में अहम भूमिका निभा रही हैं. वे उत्पादन, प्रसंस्करण और बिक्री तक सभी स्तरों पर योगदान दे रही हैं. यह योजना महिलाओं को आजीविका के अवसर प्राप्त होते हैं. यह योजना आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रही है. साथ ही उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है.
योजना में ऐसे करें आवेदन ?
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ लेने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. इसके लिए आपको योजना से जुड़े सभी जरूरी कागजात अपलोड करना अनिवार्य है.