PM Kisan Udan Yojana: खेती-किसानी से जुड़े कामों में किसानों की मदद के लिए केंद्र सरकार तमाम कृषि योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी, लोन और बीमा जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं, ताकि वे बेहतर ढंग से कृषि कार्य कर सकें. खेती में किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण उनकी फसल होती है. किसानों का सब कुछ उनकी फसल पर ही निर्भर करता है. अगर फसल बर्बाद हो जाए, तो इससे किसानों को काफी ज्यादा नुकसान होता है. खासकर वो फसलें जो कटाई के बाद जल्द खराब हो जाती हैं. किसानों को इसी समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक खास योजना चलाई गई है. जिसके तहत, किसानों को उनके कृषि उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए हवाई ट्रांसपोर्ट की सुविधा प्रदान करती है. जी हां, हम बात कर रहे हैं पीएम किसान उड़ान योजना या कृषि उड़ान योजना की.
क्या है किसान उड़ान योजना?
इस योजना के तहत किसान अपने कृषि उत्पादों को देश-विदेश में निर्यात कर सकते हैं. इसके लिए किसानों से कोई चार्ज भी नहीं लिया जाता. बल्कि ट्रांपोर्टेशन के लिए ज्यादातर काम टैक्स फ्री हो जाते हैं. यह बिल्कुल, किसान रेल की तरह है. जहां ट्रेन परिवहन के माध्यम से पूरे देश में फल, सब्जियां, दूध और अन्य कृषि उत्पादों की आपूर्ति होती है, परंतु कृषि उड़ान योजना द्वारा जल्दी खराब होने वाले और कमसुविधित किसान उत्पादों का निर्यात किया जा सकता है. कृषि उड़ान योजना के तहत देश में 50 से अधिक हवाई अड्डे कृषि उत्पादों के वायु परिवहन के लिए जोड़ा गया है. आइए आपको इस योजना के बारे में विस्तार से बताते हैं.
इन एयरपोर्ट्स पर मिल रही सुविधा
पीएम किसान उड़ान योजना के अंतर्गत, फूल, फल, सब्जी, डेयरी समेत कम अवधि वाले कृषि उत्पादों को देश और विदेशों में निर्यात करने का सुविधाजनक व्यवस्था है. इस प्रकार, उत्पादों को फ्लाइट के माध्यम से त्वरित रूप से पहुंचाया जाता है, जिससे उत्पाद समय पर बाजार तक पहुंच सकते हैं और किसानों को उचित मूल्य भी मिल सकता है. देश का कोई भी किसान इस योजना का लाभ उठा सकता है. साल 2020 के बाद से ही, इस योजना के अंतर्गत 53 से अधिक हवाई अड्डों को जोड़ा गया है. यह योजना मुख्यता: पहाड़ी क्षेत्रों, उत्तर-पूर्वी राज्यों और आदिवासी क्षेत्रों से कृषि उत्पादों के परिवहन पर ध्यान केंद्रित करती है, क्योंकि इन क्षेत्रों में सड़क परिवहन बहुत कठिन होता है और उत्पाद समय पर बाजार तक नहीं पहुंचने के कारण खराब भी हो जाता है. इस प्रकार, कृषि उड़ान सेवा लेकर यह काम कुछ घंटों में पूरा हो जाता है.
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हवाई निर्यात में नहीं लगेगा पैसा
कृषि उड़ान योजना के तहत 8 मंत्रालयों को शामिल किया गया है. इनमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण विभाग, पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य विभाग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, वाणिज्य विभाग, जनजातीय मंत्रालय मामले और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय शामिल हैं. इस योजना के तहत कृषि उत्पादों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए किसानों को कोई चार्ज नहीं देना होता. इस योजना में आवेदन करने पर लैंडिंग, पार्किंग, टर्मिनल नैविगेशन लैंडिंग चार्जेज (TNLC) और रूट नैविगेशन फैसिलिटी चार्जेज (RNFC) से किसानों को छूट प्रदान की जाती है. अच्छी बात ये है कि अब किसान बिना किसी टेंशन के अपने कृषि उत्पादों को दूसरे देशों में भी भेज सकते हैं. अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा.