उन्नतशील किसानों को नई कृषि तकनीकों को जानने और उत्पादन को बढ़ाने के लिए कृषि संबंधित अधिक अनुभव तथा ज्ञान को हासिल करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार दो योजनाएं चला रही है. इसमें पहली योजना मुख्यमंत्री विदेश अध्ययन यात्रा और दूसरी मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना है. इन दोनों योजनाओं का लाभ उठाकर किसान कृषि की नई उन्नत तकनीकों को जान सकते हैं. तो आइए जानते हैं इन योजनाओं के बारे में -
मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा (Mukhyamantri Kisan Videsh Adhyayan Yatra)
इस योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश के किसानों को विश्व विकसित देशों में प्रचलित कृषि तकनीकों का प्रत्यक्ष अवलोकन कराने तथा प्रायोगिक जानकारी दिलवाने के लिए भेजा जाएगा.
यात्रा का 90 फीसदी अनुदान
इस योजना के अंतर्गत राज्य के सभी वर्ग के लघु तथा सीमांत किसानों को विदेश अध्ययन हेतु 90 फीसदी अनुदान दिया जाएगा. वहीं अनुसुचित जन जाति और अनुसुचित जाति के किसानों को 75 प्रतिशत और सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा.
इन देशों में भेजा जाएगा
1.इजरायल और हालैण्ड- यहां प्रदेश के किसानों को उद्यानिकी, मछलीपालन, डेयरी और कृषि क्षेत्र के अवलोकन के लिए भेजा जाता है.
2.स्पेन तथा फ़्रांस-यहां किसानों को कृषि और उद्यानिकी क्षेत्र के अवलोकन के लिए भेजा जाता है.
3.चीन-प्रदेश के प्रोग्रेसिव फार्मर्स को चीन कृषि की नई तकनीकों के साथ मत्स्यपालन, मुर्गीपालन और रेशमपालन की नई तकनीकों के अवलोकन के लिए भेजा जाता है.
4. पेरू तथा चिली-कृषि तथा उद्यानिकी क्षेत्र के अवलोकन के लिए.
5. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड- यहां गेहूं और गन्ना उत्पादन की तकनीकों के अलावा उद्यानिकी और डेयरी अवलोकन के लिए भेजा जाता है.
6. ब्राजील तथा अर्जेंटीना- यहाँ डेयरी, कृषि और उद्यानिकी तकनीकों को जानने के लिए भेजा जाता है.
10 दिवसीय यात्रा के लिए अनुमानित खर्च
इजरायल, जर्मनी और हालैण्ड की 10 दिवसीय यात्रा के लिए अनुमानित खर्च 1 लाख 80 हजार रूपये का खर्च होता है. लघु और सीमान्त किसानों को यात्रा खर्च का 90 प्रतिशत सरकार देगी.
प्रमुख दस्तावेज
पूर्णरूप से भरा आवेदन पत्र, पासपोर्ट, फोटोग्राफ, खतौनी और बी1, 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट, पैनकार्ड, आधार कार्ड और कृषक ऋण पुस्तिका.
मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना
इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के प्रोग्रेसिव किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से अवगत कराना है. इसके लिए किसानों को राज्य के अंदर या बाहर सरकारी कृषि प्रेक्षत्र, कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि अनुसंधान केन्द्र एवं कृषि यूनिवर्सिटी व जिले के किसानों के चयनित खेत तीर्थो पर भ्रमण के लिए ले जाया जाता है. योजना के लिए चयनित किसानों को रबी, खरीफ और जायद की फसलों के विकसित मॉडल से रूबरू कराया जाता है. इस योजना के अंतर्गत प्रोगेसिव फार्मर्स को चारागाह विकास योजना, रेशम पालन, पशुपालन की उत्तम व्यवस्था के साथ बीज पैदावार की उन्नत तकनीकों से अवगत कराया जाता है.
कौन कर सकता है आवदेन?
1. आवेदक मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए.
2. इन योजनाओं के लिए आवेदनकर्ता किसान होना चाहिए.
3. यदि उपलब्ध होतो बीपीएल राशनकार्ड उपलब्ध कराए.
4. खेती से जुडे़ प्रमुख दस्तावेज.
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज?
आधार कार्ड, पहचान पत्र और आय का प्रमाणपत्र.
कैसे करें आवेदन
योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सम्बंधित जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा http://mpkrishi.mp.gov.in/ पर अधिक जानकारी ले सकते हैं.