Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana: नए साल से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने गरीबों को बड़ा तोहफा दिया है. केंद्र सरकार ने कोरोना काल में गरीबों के लिए शुरू की गई मुफ्ता अनाज योजना को अगले पांच साल तक बढ़ा दिया है. बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. दरअसल, इस योजना की अविधि दिसंबर में खत्म हो रही थी. लेकिन, सरकार के फैसले के बाद अब यह योजना अगले 5 साल के लिए बढ़ा दी गई है. यानी गरीबों को 1 जनवरी 2024 तक मुफ्त अनाज की सुविधा मिलती रहेगी. इस योजना का लाभ करीब 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मिलेगा.
81 करोड़ लोगों को मिलेगा मुफ्त अनाज
पीएमजीकेवाई के तहत केंद्र सरकार को अगले 5 सालों तक प्रतिमाह 81 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज प्रदान करना होगा. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस योजना से लगभग 11.80 लाख करोड़ रुपये की खाद्यान्न सब्सिडी का भार सरकार पर पड़ेगा. सरकार का कहना है कि वह इस सब्सिडी को उठाने के लिए इच्छुक है ताकि टारगेट पॉपुलेशन को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जा सके.
सरकार ने बताया ऐतिहासिक निर्णय
इस सब्सिडी को मंजूरी देने के बाद, सरकार द्वारा जारी बयान में इसे एक ऐतिहासिक निर्णय कहा गया है. कैबिनेट रिलीज में बताया गया है कि इस ऐतिहासिक निर्णय ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक कल्याण योजना बना दिया है, जिसका उद्देश्य अगले 5 साल में 11.80 लाख करोड़ रुपये के खर्च से 81.35 करोड़ लोगों को भोजन और पोषण की सुरक्षा प्रदान करना है.
अंत्योदय परिवार के लिए 35 किलोग्राम चावल का खर्च 1371 रुपये और 35 किलोग्राम गेहूं का खर्च 946 बैठता है. अब इन परिवारों को यह राशन पूरी तरह से मुफ्त मिलेगा. जबकि इस खर्च को भारत सरकार द्वारा PMGKAY के तहत उठाया जाएगा. इससे राशन कार्ड धारकों को मासिक बचत भी होगी.
PM मोदी ने किया था विस्तार का ऐलान
बता दें कि कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार ने गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना शुरू की थी. लेकिन, कोरोना महामारी खत्म होने के बाद भी सरकार ने इस योजना को जारी रखा और इसकी अंतिम तारीख कई बार बढ़ाई. 31 दिसंबर, 2023 को इसकी अंतिम तारीख होनी थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 नवंबर को छत्तीसगढ़ के दुर्ग में आयोजित रैली में इस योजना को सीधे 5 साल के लिए बढ़ाने की घोषणा की थी. उसी घोषणा के तहत अब केंद्र सरकार ने योजना को अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया है.