नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 18 March, 2020 12:00 AM IST

अच्छी उपज होने के बाद भी किसान यही सोचते रहते हैं कि इस समय मंडी में इसे बेचना सही है या नहीं. उनका यह भय बहुत हद तक सही भी है. अक्सर देखा जाता है कि मंडियों में भाव अचानक गिर जाते हैं. आलू, प्याज और टमाटर जैसी सब्जियों के मामले में तो यह बात आम ही है. लेकिन अब सरकार ने कुछ ऐसा कदम उठाया है, जिससे किसानों को इस संबंध में लाभ होगा.

सरकार ने बनाया अलर्ट पोर्टल
दरअसल किसानों के लए सरकार ने एक ऐसे पोर्टल की शुरुआत की है, जो संभावित कीमतों को लेकर पहले ही अलर्ट जारी करता है. खास बात यह है कि इस पोर्टल की शुरुआत खुद खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने की है.

किन सब्जियों पर करेगा काम
वर्तमान में इस पोर्टल के सहारे अगले तीन महीनों के संभावित थोक दाम का अंदाजा लगाया जा सकता है. पोर्टल फिलहाल आलू, प्याज और टमाटर की संभावित कीमतों की जानकारी देता है. लेकिन आने वाले समय में इसमें अन्य सब्जियों की जानकारी भी डाली जा सकती है. यही नहीं, दाम गिरने की स्थिति में यह पोर्टल किसानों को सतर्क भी करेगा.

क्या है नाम
नाफेड ने इस पोर्टल को डिवेलप किया है, जिसका नाम ‘बाजार बुद्धिमत्ता एवं अग्रिम चेतावनी प्रणाली’ रखा गया है. इसका नाम एमआईईडब्ल्यूएस (miews)  है. यह पोर्टल निजी कंपनी ऐग्रिवॉच की निगरानी वाली 1,200 मंडियों के आंकड़े बताने में सक्षम है.

क्यों लाभदायक है पोर्टल
सब्जी मंडियों के भाव कई बार अचानक ही गिर जाते हैं. इसके कई कारण हैं, जैसे आर्थिक रूप से मार्केट का कमजोर पड़ना या अचानक ही मौसम का खराब होना आदि. मंडियों में भाव गिरने से किसानों को ही हर बार नुकसान होता है. ऐसे में इस पोर्टल के सहारे किसान पहले से ही भावों का अनुमान लगा सकते हैं.

(पोर्टल पर जाने के लिए लिंक पर क्लिक करें. अन्य खबरों के लिए https://hindi.theshiningindia.com/ पर जाएं.)

English Summary: MIEWS portal will predict market rate help in planning and timely intervention FPI Minister launches MIEWS Web portal for farmers
Published on: 18 March 2020, 02:50 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now