मध्यप्रदेश के भोपाल में संतरा, अमरूद और आम जैसे फलों से बनने वाले सभी तरह के प्रोडक्ट के लिए मैग्नीफिसेंट एमपी में आ रहे सभी उद्योगपतियों को लुभाया जाएगा. यहां पर सरकार इनकी फूड प्रोसेसिंग के लिए भी निवेश करवाने पर भी फोकस करेगी. यहां पर समिट में आने वाले उद्योगपतियों को बड़ी मात्रा में हर तरह से पैदा होने वाले फलों की विशेषता और उसके क्षेत्रों में जानकारी दी जाएगी. यहां पर विभाग की कोशिश है कि जो भी फल यहां अधिक मात्रा में सरप्लस है यानी कि जिनका उत्पादन खपत से अधिक है उनसे फूड प्रोसेसिंग के जरिए निवेश लाया जाए. साथ ही जैम, जूस, आचार, चटनी, अमचूर, स्क्वॉश आदि इंडस्ट्री मेंइनका उपयोग किया जाए.
फूड प्रोसेसिंग पर सब्सिडी
यहां पर फूड प्रोसेसिंग में भी सरकार सब्सिडी प्रदान करेगी. यहां पर जो भी इंवेस्टमेंट होगा उसमें प्लांट, मशीनरी और टेक्निकल सिविल कंस्ट्रक्शन पर 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी मिलेगी. छूट की अधिकतम सीमा ढाई करोड़ रूपये होगी. यहां पर 10 करोड़ रूपये से ज्यादा के निवेश पर मिलने वाली सब्सिडी की सीमा में भी बढ़ोतरी होगी. बता दें कि संतरा उत्पादन में मध्यप्रदेश नबंर वन राज्य है. यहां पर सवा लाख हेक्टेयर में संतरे की खेती होती है. यहां पर इसका उत्पादन 21 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा है.साथ ही अमरूद के उत्पादन में भी राज्य दूसरे नबंर पर है. इसमें 62 फीसदी सरप्लस उत्पादन होता है.यहां पर आम, अमरूद, संतरे और केले में का सरप्लस उत्पादन मौजूद है..
उत्पादन क्षेत्र के पास ही यूनिट
यहां पर अलग-अलग फल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में होते है. यहां राज्य में आगर, मालवा , छिदवाड़ा, राजगढ़, खरगोन, सिहोर, रीवा, विदिशा, कटनी में अमरूद, कटनी, बालाघाट, और अलीराजपुर में आम, खरगोन, धार में केले का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है. इन्हीं क्षेत्रों में इनके प्रोसेसिंग यूनिट लगवाने के प्रयास होंगे ताकि ट्रांसपोर्टेशन का खर्च कम हो और लागत कम आए.
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