राजस्थान की सरकार फसलों को टिड्डी के नियंत्रण के लिए सरकारी स्तर पर कीटनाशक छिड़काव के साथ अब किसानों को अपने खेतों को टिड्डी के हमलों से बचाने के लिए अनुदान भी दे रही है. सरकार के मुताबिक यह कीटनाशक रासायनों पर लागत का 50 प्रतिशत या 500 रूपए प्रति हेक्टेयर दिया जा रहा है. यह अनुदान अधिकतम दो हजार हेक्टेयर तक ही देय है.पाकिस्तान से भारतीय सीमाओं को लांघ कर आए टिड्डी दलों ने प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है.
ऐसे करें किसान आवेदन (How to apply farmer)
किसान किसी भी लाइसेंस धारक ग्राम सेवा सहकारी समिति, क्रय-विक्रय सहकारी समिति, लैम्प, कीटनाशी निर्माता, पंजीकृत विक्रेता से रसायन संपूर्ण कीमत को अदा करके खरीद सकता है. इसके बाद अनुदान के लिए विभाग को सारे दस्तावेजों को प्रस्तुत करना होगा कृषि विभाग की ओर से अनुदान राशि का कृषक के खाते में ऑनलाइन भुगतान करना होगा.
चार जिलों में टिड्डी का प्रकोप (Locust outbreak in four districts)
कृषि विभाग की ओर से टिड्डियों के नियंत्रण के लिए किसानों को कीटनाशी रसायन अनुमानित दर पर उपलब्ध करवाने का कार्य किया जा रहा है. राज्य के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर और बीकानेर जिलों में टिड्डी दल का ज्यादा प्रकोप है.
इनके झुंड में पाए जाने पर कीटनाशी का छिड़काव करें. कृषि विभाग की ओर से किसानों को प्रत्यक्ष हस्तानांतरण लाभ प्रक्रिया से कीटनाशी रसायन अनुमानित दर उपलब्ध करवाए जा रहे है.
इन कीटनाशकों पर मिलेगा अनुदान (Subsidy will be given on these pesticides)
अनुमानित दर पर मिलने वाले बैन्डियोकार्ब 80 प्रतिशत डब्लूयपी 125 ग्राम, क्लोरोपायरीफॉस 20 प्रतिशत ईसी 1200 एमएल, क्लोरोपायरीफॉस 50 प्रतिशत ईसी 480 एमएल, डेल्टामेथ्रीन 2.8 प्रतिशत ईसी 62, डेल्टामेथ्रीन 1.25 प्रतिशत यूएलवी 1400 एमएल, डाईफ्लयूबेन्जयूरोन 25 प्रतिशत डब्लयूपी 120 एमएल, लेम्बाडासायलोथ्रीन 5 प्रतिशत ईसी 400 एमएल.
यह खबर भी पढ़ें : आम के प्रमुख कीट, रोग एवं उनका नियंत्रण
लेम्बाडासायलोथ्रीन 10 प्रतिशत डब्ल्यूपी 200ग्राम,मेलाथिऑन 50 प्रतिशत ईसी 1850 एमएल एवं मेलाथिऑल 25 प्रतिशत डब्ल्यूपी का 3700 ग्राम प्रति हैक्टेयर के हिसाब से छिड़काव करें.