सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 11 August, 2019 12:00 AM IST

परंपरागत खेती से किसान काफी ज्यादा लाभ उठाते रहे है. अमरूद की खेती को कई बार लाभ तो कई बार काफी ज्यादा नुकसान को सहना पड़ता है. अमरूद की फसल के लिए ज्यादा पानी की भी आवश्यकता होती है और इसमें मेहनत भी अधिक लगती है. इसीलिए बिहार सरकार ने किसानों को कम मेहनत और लागत लगाने के बावजूद अच्छी कमाई कराने के लिए सरकार ने भी काफी अच्छी पहल करने का कार्य किया है. यहां पर कैमुर जिले में मैदानी और पहाड़ी क्षेत्र के किसानों को योजना का लाभ देकर आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाए जाने की कवायद शुरू होगी.

तीन चरणों में मिलेगी सब्सिडी

यहां पर पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत कैमूर जिले को अमरूद की बागवानी लगाने के लिए चयनित करने का कार्य किया गया है. इसके तहत कैमूर जिले में कुल चार हेक्टेयर में अमरूद की बागवानी को लगाने का कार्य किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अमरूद की बागवानी लगाने के लिए किसानों को लागत एक लाख रूपये में प्रतिशत अनुदान राशि सरकार की तरफ से देय होगी. किसानों को तीन वर्ष में पौधा जीवित रहने पर यह 50 प्रतिशत अनुदान सरकार की तरफ से तीन चरणों में उपल्बध करवायी जाएगी.

कम से कम चार हेक्टेयर में होगी खेती

यहां पर किसान अमरूद की खेती कम से कम चार हेक्टेयर में करने का कार्य करेंगे. इस दौरान उनको लागत की राशि प्रथम चरण में 60 प्रतिशत अनुदान की राशि दिए गए पेड़ की राशि ताटने के उपरांत किसान को दी जाएगी. इसके बाद शेष 20-20 प्रतिशत की राशि पहले और तीसरे चरण में किसानों को दी जाएगी. इस तरह से चरणबद्ध तरीके से अनुदान की राशि किसानों तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा. इस राशि को विभिन्न पदाधिकारियों को पौधे जीवित होने की जांच के उपरांत नियामनुकूल प्रदान की जाएगी. किसानों को इस योजना का लाभ तेजी से प्राप्त करने के लिए प्रखंड और जिला स्तर पर आवेदन जमा करने की सुविधा प्रदान की गई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना का आर्थिक लाभ देकर स्वावलंबी बनाया जाए.

English Summary: Grant will be given for guava cultivation in Bihar
Published on: 11 August 2019, 05:44 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now