सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund), रिकरिंग डिपॉजिट और सुकन्या समृद्धि योजना के तहत वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अनिवार्य डिपॉजिट करने की डेडलाइन को बढ़ा कर 30 जून तक कर दिया गया है. इस पर वित्त मंत्रालय द्वारा यह फैसला कोरोना वायरस आउटब्रेक के चलते देशभर में हुए लॉकडाउन को मद्देनजर रखते हुए लिया गया है.
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में बताया कि, 'पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना और रिकरिंक डिपॉजिट पर खाताधारकों को थोड़ी राहत प्रदान की गई है. यह फैसला स्मॉल सेविंग डिपॉजिटर्स (Small Saving Depositors) की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया. ताकि वे लॉकडाउन का पालन करें और घरों में रहें. खाताधारकों को अपने अकाउंट्स को एक्टिव रखने के लिए सालाना कुछ राशि खाते में जमा करवानी होती है. अगर वे ऐसा नहीं करते तो सब्सक्राइबर्स (Subscribers) पर पेनाल्टी चार्ज (Penality Charge) लगाया जाता है. वैसे तो इस पेनाल्टी से बचने के लिए ज्यादातर सब्सक्राइबर्स इन योजनाओं में वित्त वर्ष (Financial Year) के अंत में कुछ राशि जमा कर देते हैं.
लेकिन वित्त मंत्रालय द्वारा इस घोषणा के बाद अब जमाकर्ता इस स्कीम में 30 जून तक पैसा जमा करवा सकेंगे. इसके लिए उन्हें कोई किसी भी प्रकार का कोई डिपॉजिट नहीं देना होगा. इस फैसले से उन लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी, जिन्होंने 2019-20 के वित्त वर्ष में अभी तक कोई डिपॉजिट नहीं किया है.
इसके लिए जमाकर्ता को अकाउंट आफिस (Account Office) में एक अंडरटेकिंग (Undertaking) देनी होगी. इस अंडरटेकिंग में उन्हें जानकरी देनी होगी कि 2019-20 के वित्त वर्ष के दौरान उन्होंने इन अकाउंट्स में ज्यादातर डिपॉजिट लिमिट (Deposit limit) को पार नहीं किया है. मंत्रालय ने जानकारी के अनुसार, इन डिपॉजिट्स पर ब्याज दर वास्तिविक डिपॉजिट के दिन से ही कैलकुलेट (Calculate) होगी. इसके अलावा अगर आपके खाते में 31 मार्च से लेकर 30 जून के बीच मिनिमम बैलेंस नहीं भी है तो भी इस पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगाया जाएगा और साथ ही, 31 मार्च को मैच्योर (Mature) होने वाले सभी पीपीएफ अकाउंट्स (PPF Accounts) की भी मैच्योरिटी डेट (Maturity Date) 30 जून होगी.