बहुत लोग घरों की छत पर फल, सब्जियां उगाते हैं और जैविक फलों और सब्जियों का आनंद लेते हैं लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि आप छत पर सब्जियों की खेती के अलावा मछली पालन भी कर सकते हैं. इसके लिए बिहार के भागलपुर के मत्स्य विभाग ने जिले के इच्छुक लोगों को इस योजना में जोड़ने की शुरुआत कर दी है. इसके साथ ही विभाग ने बायोफ्लॉक विधि से मछली पालन करने वाले मछली पालकों को अनुदान देने का भी फैसला किया है.
प्लास्टिक का पॉन्ड बनाने पर 13 लाख रुपये तक का खर्च
जिला मत्स्य पदाधिकारी संजय कुमार किस्कू ने कहा कि इसे प्लांट को आसानी से घरों की छतों पर लगाया जा सकता है. इसे लगाने से छत को किसी भी प्रकार की हानि नहीं होगी. मछलियों को रखने के लिए एक प्लास्टिक का पॉन्ड बनाया जाएगा जो कि फ्रेम पर टिकाया जाएगा. इसपर पर तकरीबन 8.5 लाख रुपये का खर्च आएगा क्योंकि ये छोटी यूनिट का होगा जबकि अगर बड़ी यूनिट का लगवाते हैं तो उस पर लगभग 13 लाख रुपये तक का खर्च आता है.
75 फीसदी अनुदान का प्रावधान
प्लास्टिक के पॉन्ड पर 50 और 75 फीसद अनुदान का प्रावधान है. इस व्यवस्था के तहत लगाने के महज 6 महीने के अंदर मछलियां तैयार हो जाएंगी. इस योजना के अंतर्गत आप छत पर कई तरह की मछलियों का पालन कर सकते हैं, जैसे- कबैय, सीलन मछली, कैट फिश (सिंघी, मंगुरी) आदि. इन मछलियों के लिए भोजन बाजार में आसानी से उपलब्ध है. यह योजना 4 यूनिट जनरल कैटेगरी के लोगों के लिए है. इसके अलावा ओबीसी और एससी/एसटी श्रेणी के लोगों के लिए भी सब्सिडी है. इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. बहुत जल्द ही लाभकों का चयन किया जाएगा. मत्स्य विभाग का कहना है कि अगर यह योजना लोकप्रिय हुई तो इसे भविष्य में विस्तार दिया जा सकता है.
नोट - योजना बिहार के भागलपुर के लोगों के लिए है. इस योजना के बारे में और अधिक जानकारी के लिए स्थानीय मत्स्य विभाग में संपर्क कर सकते हैं.