केंद्र सरकार ने देश की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने (To Make Women Self-Reliant And Empowered) के लिए हर तरह की पहल करती रहती है, ताकि देश की महिलाएं अपने जीवन को अपने तरीके से जी सकें.
इसके साथ ही उन्हें पुरुषों पर निर्भर ना होना पड़े. इसी कड़ी में सरकार ने स्कूल ना जाने वाली लड़कियों को शिक्षा प्रणाली में वापस लाने (Bringing Girls Back Into The Education System ) के उद्देश्य से 'कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव' योजना ('Girl Shiksha Pravesh Utsav' Scheme) शुरू की है, जिस योजना के माध्यम से 14 से 18 वर्ष की बालिकाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जायेगा.
मिली जानकारी के अनुसार, इस योजना के तहत "सभी लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education To All Girls ) प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. इस योजना का उद्देश्य है कि देश का कोई भी बच्चा, विशेष रूप से लड़कियां, शिक्षा के अधिकार से वंचित ना रहें.
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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry Of Women And Child Development ) ने शिक्षा मंत्रालय के साथ साझेदारी में कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव योजना शुरू की है. महिला एवं बाल विकास सचिव के अधिकारी (Officers Of Secretary, Women And Child Development ) द्वारा बताये गये आंकड़ों के अनुसार, केवल चार लाख स्कूल ना जाने वाली किशोरियां ही आंगनबाड़ियों में पोषण, पोषण शिक्षा और कौशल विकास के लिए आ रही हैं.
यह योजना शिक्षा का अधिकार अधिनियम के लक्ष्य को पूरा करेगी, जो स्कूल से बाहर की लड़कियों को शिक्षा प्रणाली में वापस लाने के लिए है. महिला एवं बाल मंत्रालय के सचिव ने आशा व्यक्त की है और कहा है कि हम जल्द ही एक मजबूत स्थिति प्राप्त करने और सभी लड़कियों को औपचारिक स्कूल प्रणाली में वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं.