पशुपालन के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार समय - समय पर नयी-नयी योजनाएं लाती रहती है. इसी कड़ी में उत्तराखंड पशुपालन विभाग के द्वारा पशुधन बीमा योजना शुरू की गई है. पशुपालन विभाग पशुधन का बीमा कराने के लिए सब्सिडी भी दे रहा है. समाचार पत्र अमर उजाला में छपी एक खबर के मुताबिक भीमताल (नैनीताल) के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दीपाली लालवानी ने बताया कि गाय, भैंस, बकरी, भेड़, घोडे़, खच्चर के लिए यह पशुधन बिमा योजना है. इसके लिए विकासखंड क्षेत्र में 70 से अधिक पशुपालकों ने बीमा कराया है. उन्होंने आगे बताया कि विभाग एपीएल पशुपालकों को 60 फीसद और बीपीएल/एससी पशुपालकों को 80 फीसद तक की सब्सिडी दे रहा है. इसलिए एपीएल वर्ग के पशुपालकों से प्रीमियम का 40 फीसद और बीपीएल/एससी पशुपालकों से 20 फीसद अंश लिया जा रहा है.
पशु बीमा का लाभ
बीमा किए गए पशु की मौत होने पर पशुपालक को निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी को तत्काल सूचना देनी होती है और मृतक पशु को निरीक्षण के लिए 24 घंटे सुरक्षित रखना होता है. योजना का लाभ लेने के लिए पशुपालन विभाग के चिकित्सक अधिकारी के द्वारा किए गए पोस्टमार्टम की कॉपी देना भी अनिवार्य होता है.
कैसे करवाएं बीमा
पशुपालकों को अपने पशुओं को बीमा करवाने के लिए संबंधित पशु चिकित्सालय में पशु बीमा के लिए सूचित करना होगा. सूचना के बाद पशु चिकित्सक एवं संबंधित बीमा कंपनी अभिकर्ता पशुपालक के घर पहुंचेंगे. वहां पर पशु चिकित्सक द्वारा पशु का स्वास्थ्य परीक्षण कर स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करेगा.
बता दे कि बीते दिनों उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पशुपालन भवन परिसर, मोथरोवाला में पशुपालन विभाग के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया था और कहा था कि कृषि एवं पशुपालन दो ऐसे क्षेत्र है जिनमें रोजगार की संभावनाएं बहुत अधिक हैं. वर्तमान समय में जैविक खेती की मांग तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने कहा था कि बिना पशुपालन के जैविक खेती की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. उन्होंने आगे कहा था कि यदि पशुपालन से सम्बन्धित कार्य सुनियोजित तरीके से किया जाए तो इससे अर्थव्यवस्था में अच्छा सुधार लाया जा सकता है.