किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) अब सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रहा है. दरअसल भारत सरकार ने अब बागवानी, पशु पालन और मछली पालन को भी कृषि क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा मान लिया है. मोदी सरकार की इस बड़ी पहल के सहारे अब कृषि क्षेत्र विकास की नयी ऊंचाइयों को छुएगा. इसी के अंतर्गत अब इनसे जुड़े लोगों को भी किसानों की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है. उन्हें किसानों को मिलने वाली सभी सुविधाएं दी जाएंगी. अंतर सिर्फ यह है कि इन दोनों श्रेणियों में अधिकतम 2 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा जबकि फार्मिंग के लिए 3 लाख रुपये तक मिलते हैं.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर में रविवार को आयोजित किसान रैली में उनके लिए घोषित इस योजना का शुभारंभ किया. पीएम मोदी के घोषणा के साथ ही इन क्षेत्रों के लोगों को 'केसीसी' देने की राष्ट्रव्यापी योजना की शुरुआत हो गई है.तो देर किस बात की. पशुपालन और मछलीपालन के लिए भी अब बैंक जाइए और सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट्स पर देकर इसके लिए लोन लीजिए. इस काम के लिए भी सिर्फ 4% की ब्याज दर पर कर्ज मिल जाएगा. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक, सरकार ने अब केसीसी को सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रखा है. इसे हमने पशुपालन और मछलीपालन के लिए भी खोल दिया है.
हम कोशिश कर रहे हैं कि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की कवरेज बढ़े. क्योंकि, अभी यह लगभग 50 फीसद किसानों तक ही सीमित है. देश में 14 करोड़ किसान परिवार हैं, जिसमें से 7 करोड़ किसानों के पास ही किसान क्रेडिट कार्ड (KCC ) है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे बनवाने के लिए किसानों को जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. शेखावत ने बताया कि राज्य सरकारों और बैंकों को कहा गया है कि वो पंचायतों के सहयोग से गांवों में जगह – जगह कैंप लगाकर किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) बनवाएं. मोदी सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) को सिर्फ खेती तक ही सीमित नहीं रखा है. इसे हमने पशुपालन और मछलीपालन के लिए भी खोल दिया है. इन दोनों श्रेणियों में अधिकतम 2 लाख रुपये तक मिलेंगे जबकि कृषि के लिए 3 लाख रुपये तक मिलते हैं.
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के लिए अब ज्यादा डॉक्यूमेंट न लेकर सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट ही लिए जाएंगे. पहला यह कि जो व्यक्ति लोन के लिए आवेदन दे रहा है वो किसान है या नहीं. इसके लिए बैंक किसान के खेत का कागजात देखेंगे और उसकी कॉपी लेंगे. दूसरा निवास प्रमाण पत्र लेंगे ताकि वो ये सुनिश्चित कर सके की किसान कहां का स्थायी निवासी है और तीसरा आवेदक किसान का शपथ पत्र लेंगे ताकि वो ये पता कर सके की उसका किसी और बैंक में लोन बकाया नहीं है. उन्होने कहा कि सरकार ने बैंकिंग एसोसिएशन से कहा है कि केसीसी आवेदन के लिए कोई फीस न ली जाए.