केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की उर्वरक सब्सिडी सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करने की योजना बनाई है. इस काम के लिए केंद्र सरकार ने नई टेक्नोलॉजी (Technology) पर काम करते हुए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर उर्वरक सप्लाई, उपलब्धता और अन्य जरूरी जानकारी देने वाला डैशबोर्ड और डेस्कटॉप पीओएस संस्करण करने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि शुरूआत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत सरकार द्वारा मिल रहे पैसों को सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाएगी. जिससे वह उर्वरक सब्सिडी का लाभ उठा सकें. ध्यान रहे कि 2017 अक्टूबर में उर्वरक डीबीटी का पहला चरण शुरू किया गया था. जिसके तहत पीओएस मशीनों खुदरा प्राप्त करके बिक्री आंकड़ों की जांच होती थी एवं सब्सिडी सीधे कंपनियों को दी जाती थी.
विशेषज्ञों की माने तो अब डीबीटी 2.0 शुरू करने के बाद किसानों को अधिक लाभ मिलेगा एवं सब्सिडी उनके पहुंच में होगी. इस फैसले से जहां उर्वरक क्षेत्र में पारदर्शिता (Transparency) आने की उम्मीद लगाई जा रही है, वहीं उर्वरकों की काला बाजारी को रोकने में भी इसे कारगर माना जा रहा है.
सरकार के इस नए पहल के बारे में जानकारी देते हुए उर्वरक सचिव छबीलेन्द्र राउल ने बताया कि हमने पीओएस सॉफ्टवेयर एडिशन 3.0 विकसित किया है, जिससे किसानों को पहले के मुकाबले अधिक लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि डीबीटी 2.0 में रजिस्ट्रेशन, लॉग इन एवं आधार वर्चुअल पहचान विकल्प की सुविधा होगी. जिसकी मदद से विभिन्न भाषाओं में जानकारी लेने की भी सुविधा मिलेगी. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सदैव किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए काम किया है.