किसानों को खेती के दौरान आवारा पशुओं से काफी समस्याएं उत्पन्न होती हैं. हमारे किसान भाईयों को इससे बचने के लिए काफी खर्च उठाना पड़ता है. इसके लिए कई किसान दिन-रात खेतों के आसपास ही रहते हैं, ताकि उनकी मेहनत और खेती-किसानी में लगी लागत की बर्बादी ना हो पाए. किसानों से इस समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकारें भी कोई न कोई कदम उठाती रहती हैं. ऐसे मे खेतों में तारबंदी कराने के लिए सरकार ने अनुदान देने का फैसला लिया है.
तारबंदी के सब्सिडी
राजस्थान सरकार फसल सुरक्षा मिशन के तहत नीलगाय और आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा के लिए सब्सिडी दे रही है. सरकार खेतों में 400 मीटर तक तारबंदी कराने के लिए 40 हजार रुपये तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है. वहीं लघू और सीमांत किसानों को कुल 48 हजार रुपये की अनुदान राशि दी जा रही है.
योजना की पात्रता
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों के पास न्यूनतम 1.5 हेक्टेयर कृषि होनी चाहिए. इसके अलावा सामूहिक रूप से भी 2 या अधिक किसानों के नाम एक ही जगह न्यूनतम 1.5 हेक्टेयर (6 बीघा) कृषि भूमि होना आवश्यक है.
दस्तावेज
इच्छुक किसानों के पास 6 माह से पूर्व की नवीनतम जमाबंदी, जिन खेतो में तारबंदी करवानी है उसका नक्शा, जनाधार कार्ड (इसमें बैंक खाता एवं कृषक श्रेणी लघु और सीमांत अपडेट होना अनिवार्य है) आधार कार्ड और एक रंगीन फ़ोटो होना अनिवार्य है. किसान राज किसान साथी पोर्टल पर जाकर भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस योजना के लिए लाभार्थी किसानों का चयन पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर किया जा रहा है.
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कब मिलेगी राशि
इसके आवेदन के बाद योजना से सम्बंधित सहायक कृषि अधिकारी किसानों के घर जाकर उनके खेत का वेरिफिकेशन करेंगे. उसके बाद किसान को तारबंदी कार्य कृषि विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार सम्बंधित कृषि पर्यवेक्षक/सहायक कृषि अधिकारी से पूर्ण जानकारी लेकर तारबंदी कार्य पूर्ण करवाए जाएंगे. पूरी तरह से जांच के बाद ही किसानों को उनके बैंक खातों में अनुदान राशि दी जाएगी. यह राशि बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी.