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Updated on: 13 October, 2020 12:00 AM IST

कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि यंत्रों (Agricultural Machinery) का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है. कृषि यंत्र (Agricultural Machinery) से उत्पादन और उत्पादकता, दोनों बढ़ती है. इसके द्वारा कम समय में कृषि के अधिक से अधिक कार्य कुशलता के साथ किए जा सकते हैं. मौजूदा समय में हर छोटा-बड़ा किसान कृषि यंत्रों (Agricultural Machinery) का इस्तेमाल कर रहा है. मगर कई कृषि यंत्रों (Agricultural Machinery) की कीमत ज्यादा होती है, इसलिए किसान उनका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं. ऐसे में केंद्र और राज्य की सरकार कृषि यंत्रों पर सब्सिडी (Agricultural Equipment Subsidy) प्रदान करते हैं, ताकि हर वर्ग के किसान उन्हें आसानी से खरीद पाएं. इसी कड़ी में उत्तराखंड की सरकार ने अल्मोड़ा के किसानों और प्रवासियों के लिए एक अच्छी खुशखबरी दी है.     

कृषि विभाग द्वारा किसानों को विक्रय किए जाने वाले कृषि उपकरणों पर अब 50 प्रतिशत की जगह अब 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. बता दें कि इसस पहले कृषि विभाग द्वारा कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाती थी. 

इन कृषि यंत्रों पर मिलेगी 80 प्रतिशत सब्सिडी

  • पावर टिलर

  • पावर वीडर

  • पावर स्पेयर

  • लौह स्याही हल

  • जल पंप

  • गेंती

  • फावड़ा

  • कटर

  • कुदाल और ब्रश

लागत का मात्र 20 प्रतिशत होगा खर्च

आपको बता दें कि राज्य के किसान घाटी वाले क्षेत्रों और सुविधाजनक स्थानों पर आधुनिक कृषि यंत्रों से खेती करते हैं. जब कोरोना काल आया, तो मैदानी इलाकों के कई लोग घर लौट आए. ऐसे में कृषि विभाग द्वारा ग्रामीणों और प्रवासियों को 80 प्रतिशत की सब्सिडी के साथ कृषि यंत्र (Agricultural Machinery) उपलब्ध कराए जा रहा हैं. अगर किसान कृषि यंत्र खरीदना चाहते हैं, तो उन्हें कुल लागत का मात्र 20 प्रतिशत खर्च करना होगा.

कृषि यंत्रों की बिक्री बढ़ी

कोरोना काल में कई प्रवासियों ने लौट कर गांव में खेती करना शुरू कर दिया है. इससे कृषि यंत्रों (Agricultural Machinery) की मांग भी काफी बढ़ गई है. बताया जा रहा है कि कृषि यंत्रों की बिक्री में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

आपको बता दें कि पर्वतीय क्षेत्र में किसान सीढ़ीदार खेतों में खेती करते हैं. हालांकि, अब किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करने लगे हैं. जो किसान आर्थिक रूप से सक्षम होते हैं, वह पहाड़ी क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के मुताबिक बनाए गए ट्रैक्टर से खेतों की जुताई करते हैं. यह कृषि यंत्र लगभग करीब एक क्विंटल वजन के होते हैं, जिन्हें दो लोगों की मदद से दूसरे खेत तक पहुंचाया जाता है. किसानों का कहना है कि इन कृषि यंत्रों (Agricultural Machinery) को एक खेत से दूर दूसरे खेत तक पहुंचाने में अन्य लोगों की फसल और घास को भी नुकसान होता है. अगर कम वजन वाले कृषि यंत्र बनाए जाएं, तो यह किसानों के लिए और अच्छा होगा.

आवेदन प्रक्रिया     

इस योजना के लिए आवेदन करने हेतु अपने नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क करें.

English Summary: Farmers of Uttarakhand are getting 80 percent subsidy on agricultural implements
Published on: 13 October 2020, 02:44 IST

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